अर्थविज्ञान और व्याकरणदर्शन | Arthavigyan Aur Vyakarandarshan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
450
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(২২১)
খহপ্সজ হ্যা ক্সামব বাহনা ই।ভলাহি म्डके शन्यौमे श्रन्त ঈ यदो निवेदन
करना है कि :--
रद विद्यंसोषनुरडन्दु चित्तओोने: प्रसादिभिः |
सम्त३ प्रयग्रिवाक्यानि णडन्ति हानसूयदःओं
श्वागमपरयरेचाहे नापवायः स्वलनपि।
न रि सदर््मना पच्छुन् स्वलिवष्दप्पशेयते ॥
( एलोहवार्तिक, प्रन्षकारप्रतिश रलोक ३ और ७ )।
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