अभिनव संगीत शिक्षा भाग 1 | Abhinav Sangeet Shiksha Bhag-i

Abhinav Sangeet Shiksha Part - i by श्री ना. रातजंकर - Shree Na. Ratjankar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री ना. रातजंकर - Shree Na. Ratjankar

Add Infomation About. Shree Na. Ratjankar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भू न लिए कलम नि सा सटा ट न ही शिक्ताक्रम:--( ऊपर बताये श्रनुसार सा; प; सां स्वयं गापर फलक पर लिसकर गवाया जाय ) का ति प फेंचल दाहिने दाय की यीच की तोम उ गलियों को ( तमनी, सध्यमा 'प्रीर अनामिया ) खोलकर इस प्रवार दियाया जाता है. । मुद्रा (आम चाल न्लप्खना हक कहा: ८. | पृ पाठ ४ गाते हुए किसी एक अथवा '्मघिफ मात्रा पर 'युप दो जाने को विश्ांति कहते हूं । विश्रान्ति का चिन्ह *०* लिखकर समकेगे। अब प्सा की '्ाठ मात्रा में से श्वाठवीं, सातवीं 'प्ीर श्राठवीं। छठी; सातवीं 'र श्याठवीं तथा. पाँचवीं, छठी, सातवीं; 'माठपीं ; इस भ्रकार सात्राओं पर विश्ांति रखते हुए गा । जैसे हु सन मद सन सन नाम बन ब रे सा --- -ए ना णाणणाण ७9 (दे) सा ------- ० ००५ (शैसा---- ०५०००




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now