अर्थशास्त्र और राजनीति साहित्य | Arthshastra Aur Rajniti Sahitya
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
226
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अफशास्त्र साहित्य. -: ५
ग्र्थशास्च कय सम्भवतः सवसे प्रहली पुस्तक है। सरकारी प्रकाशन
विभाग द्वारा प्रकाशित है| विद्यार्थियों के उपयोग के लिए, 'पोलिटिकल
इकानामी? के प्रारम्मिक सिद्धान्तों का परिचय देने वाली एक पु्तक
स्कूलों के इन्स्पेक्टर-जनरल ने प्रकाशित करायी थी, उसका यह
अनुवाद है।
२--बालोी पयोगी अर्थशास्त्र ले०-- श्री व्रजनन्दन सदाय |
यह सन् १६०६ में-नागरी प्रचारिणी सभा, आरा, द्वारा प्रकाशित
छोटी सी पुस्तक है। इसमें आठ पाठ हैं, उनमें कुछ मोटी-मोटी
बातों की चर्चा की गयी है । मूल्य =} है |
३ -अथंशास्त्र प्रवेशिक!' | ले०-पं० गणशदत्त पाठक । यह
सन् १६०७ ई० में इश्डियन प्रेस, प्रयाग, मं! छपी। इसकी कड ग्राव
त्तियाँ हो चुकी हैं। संशोधित संस्करण की बड़ो आवश्यकता है।
मूल्य 17) हे । |
‡-- पैसा । ले०--प चन्द्रशेखर शमां । यह भारलीपुत्ः
कार्यालय, पटना, से प्रकाशित हुईं। इसकी भाषा अच्छी मनोरञ्ञक
है | इसम विशेषतया उत्पत्ति, वितरण ओर राज्य-कर पर ही संक्षेप
विचार किया गया है। विनिमय पर बहुत कमं, ओर उपभोग
परतो प्राय ङक भी नं हे | मूल्य [=] प्रष्ठ संख्या ६१ |
“--र म्पस्तिशास् 1 ले० -पंऽ महाकीरप्रसाद द्विवेदी । यह
अपने विषय की पहली बड़ी पुस्तक है | सरल रौर सुवोध भी है।
इसमे स्थान स्थान प्रर भारतीय उदाहरण दिये गये हँ। आवश्यक
पारिभापिक शब्दों के उपयोग में भी सुयोग्य लेखक ने, अच्छा परिश्रम
किया द| यह पुस्तक कदे वप तक इस विंपय के लेखकों के लिए बहत
लाभकारां रहा है। पर, अब इसमे आधुनिक, नवीन विचारों का
अभाव प्रतीत होता है। यह पुस्तक अब प्रायः अपग्रांप्य - है। पकाशक
(६।1डयन प्स, प्रयाग) को इसका नया संशोधित संस्करण प्रकाशित
करना चाहिए |
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