राष्ट्रमंडल शासन | Rashtramandal Shasan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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४ राष्ट्रमंडल-शासन से आ सकता है। इस तरह यह राज्य समुद्रों के चौराहे पर है। इन कारणों से इस राज्य के निवासियों को संसार के भिन्न-भिन्न देशों से व्यापार करके लाभ उठाने की बड़ी सुविधा मिली है। इस राज्य की भोगोलिक स्थिति राष्ट्रमंडल (ब्रिटिश साम्राज्य) के निर्माण में भी बहुत सहायक हुई है; इसका विशेष विचार श्रागे करिया. जायगा । दुसरा परिच्छेद ऐतिहासिक परिचय ब्रिटिश संयुक्तराज्य की शासनपद्धति का वर्णन आरम्भ करने से पहले हमें यह्‌ विचार कर लेना चाहिए कि इस राज्य के भिन्न-भिन्न भाग कब ओर किस प्रकार आपस में मिले । पहले इंगलेंड को लेते हैं। इंगलैंड का एकोकरण- श्रेगरेजों का इतिहास पांच-दस हजार वर्ष का नहीं है। यह डेट हजार व से भी कम का है। उससे पहले अ्रंगरेज जाति नहीं थी; इंगलेंड के मूल निवासी “ब्रिटेन', कहलाते थे | उन पर रोम वालों का राज्य था | रोम वालों ने ईसा से ५५ নস पहले वहाँ राज्य करना आरम्म किया था और लगभग सादे चार सो वष राज्य किया; उन्होंने वहां के मूल निवासियों की बहुत-कुछ उन्नति की, परन्तु उन्हें ইন परावलम्बी बनाकर रखा, आत्म-रक्षा के लिए शस्त्र रखने की अनुमति नहीं दी । इस्तका परिणाम यह हुआ कि जत्र पाँचवीं सदी में रोम पर उत्तरी योरप की श्रसभ्य जातियोंने श्राक्रमण किया और इंगलेंड में रहनेवाले रोमन लोग अपने देश में लौट आए, तो बेचारे ब्रिटेन असहाय रह गए। सन्‌ ४४६ ई*० में पश्चिमी योरप की एल्ब नदी के किनारे रहनेवाले 'ज्यूट” लोगों ने आकर प्रथम बार इंगलेंड' के कुछ भाग पर अधिकार कर लिया । पीछे धीरे-धीरे पश्चिम योरप से हो 'ऐंगल” और 'ेक्सनः लोग ग्राए और मिन्न-भिन्न भागों पर




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