भारत और चीन | Bhaarat Aur Chiin

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : भारत और चीन  - Bhaarat Aur Chiin

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

गंगा रत्न पाण्डेय - Ganga Ratna Pandey

No Information available about गंगा रत्न पाण्डेय - Ganga Ratna Pandey

Add Infomation AboutGanga Ratna Pandey

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन - Dr. Sarvpalli Radhakrishnan

No Information available about डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन - Dr. Sarvpalli Radhakrishnan

Add Infomation AboutDr. Sarvpalli Radhakrishnan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ट भारत श्रौर चोन विद्याथियो का समाज ह, उनको संस्था हूँ श्रौर ऐसा समाज, ऐसी संस्था बराबर जीवित रहती हू, भले ही उन अध्यापकों श्रौर विद्या थियों द्वारा काम में लाई जानेवाली इमारतें मिट्टी में मिला दी जायँ। विद्व- विद्यालयों के जिन विभागों को उनके पुराने आवासों से निकाल बाहर किया गया था वे अरब एकत्र हो गये हें और यह एक बहुत बड़ी सफलता हैं। ग़रोब होकर हम फिर से सम्पत्ति प्राप्त कर सकते हूं, वोमार हों 'तो फिर से स्वास्थ्य-लाभ कर सकते हें, लेकिन अ्रगर हम मर गये तो धरती १२ कोई शक्ति नहीं जो फिर से हमें जीवित कर सके। चोन के विश्वविद्यालयों का यह लक्ष्य हैं कि चीन को आत्मा जीवित रहे । मेरा ऐसा अ्रनुभव है कि चीन के जो शिक्षक सदियों से सामाजिक जीवन में बड़ी ऊँची प्रतिष्ठा पा रहे थे, आज बहुत अधिक कष्ट मेल रहे हैं। चीन में विद्वान ही अ्रधिकारी वर्ग में होते हैं। बहुत-से राजदूत श्रौर कटनीतिज्ञ विश्वविद्यालग्रों के शिक्षकों में से हे। बलिन- स्थित भूतपुर्व चीनी राजदूत इस समय केन्द्रीय राजनोतिक प्रतिष्ठान' (सेंट्रल पोलिटिकल इन्स्टीट्यूट) के प्रधान है। अध्यापकों का वेतन बहुत कम है। उन्हें वही वेतन मिलता हूँ जो युद्ध के पहले की परिस्थिति में मिलता था और झ्राज बहुत ही अ्रपर्याप्त हो गया है। थोड़ी-सी वृद्धि जो उनके वेतन में की गई है वह न कुछ के बराबर है, खाकर यदि हम आवश्यक पदार्थों के मल्यों में होनेवाली वृद्धि का विचार करते हें । मेरा विचार है विद्यार्थियों को भी पर्याप्त भोजन नहीं मिलता और शिक्षक तथा विद्यार्थी दोनों ही श्राथिक संकट से परेशान हैं। सुख झो र सुविधा का जीवन उनके लिए स्वप्न हो गया हैँ और सुरक्षा उनके लिए हँसी है । फिर भी यूद्ध विश्वविद्यालय की भावना और विद्याथियों की




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now