बल्लभकुल चरित्र दर्पण | Ballabhakul Charitr Darpand-a
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
76
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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मना र्लान कराय श्री ठाकर जी को फ्रांको निरखाय
ब्रह्मसस्वन्ध दे सेवामें अंगोकार कियों पीछे लखनऊके
कालिका दीन बिन्दा दीन कत्यक और आगरेकी मुन््नो
जान बेश्या ये भी आय पहुंचों ।
बेटे वाले भट्ट ती इनके आनेसे कहे दिन पहिले के
यहां मौजद थे और ब्याहके मामली टेहले हे! रहे थे इन
ताइफे के कड़े दिवस पहले महाराजा घिराज गेास्वासी
| श्री १०८ कल्याण रायजोीने अपने देश देशके सेवकों की
| पीले चांवल और कंकेत्रो (पत्र) पठाई हुती--
(कं के! चौ)
श्री बिल्ल नाथो जयात
| स्वस्ति श्रीमद् गेस्वासौ श्री कल्याणरायजी शमणां
| स्वकीयेषु परमबेष्णवेषु हरि गुरू सेवा परायण अन्तः
| छरणेष श्री र समस्त देशक देष्णव सब परिवारेष सेवा
| शभिय तत्रास्त अपरंच समाचार ९ जानेगे जो यहां
भाद् व्रजनायजीौ कौ पल्लो बेटी जौ कौ विवाह भित)
| फालगुण शुक्वा ११ को है लगन को दिन बडे शुभ है
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