आँगन के कर द्वार | Aagan Ke Kar Dwar

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Aagan Ke Kar Dwar by अज्ञेय - Agyey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मील का किनारा झील का निर्जेन किनारा और वहू सहसा छाये सन्नाटे का एक क्षण हमारा | बेसा सुर्यास्त फिर नहीं दिखा चेसी क्षितिज पर सहमी सो बिजली वेसो कोई उत्ताल लहर भौर नहीं आपी न वेसी मदिर बयार कभी चली 1 वेसी कोई शक्ति अकल्पित ओर अपाचित फिर हम पर नहीं छायी । चेता कुछ और छछी काल ने हमारे सटे हुए छिछारों पर नहीं लिखा । चेसा अभिसंचित अभिमन्त्रित सघनतम संगोपन कल्पान्त दूसरा हम ने नहीं जिया 1 देसी शीतल अनल-शिखा न फिर जछो न चिर-काछ पी न हम से सेंभछी 1 या कि अपने को उतना वेसा हमीं ने दुबारा फिर नही दिया ? उ लॉपन के पार द्वार




User Reviews

  • Sonu

    at 2022-07-30 17:44:27
    Rated : 10 out of 10 stars.
    'आँगन के कर द्वार' नाम से इनकी कोई रचना नहीं है। ये 'आँगन के पार द्वार' है।👍
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