जुर्म और सज़ा | Jurm Aur Saza

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Jurm Aur Saza by विजय चौहान - Vijay Chauhanशिवदान सिंह चौहान - Shivdan Singh Chauhan

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

विजय चौहान - Vijay Chauhan

No Information available about विजय चौहान - Vijay Chauhan

Add Infomation AboutVijay Chauhan

शिवदान सिंह चौहान - Shivdan Singh Chauhan

No Information available about शिवदान सिंह चौहान - Shivdan Singh Chauhan

Add Infomation AboutShivdan Singh Chauhan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१० जुर्म और सजा उसे परिचित एक दिखायी दिये । लेकिन किसी ने उसके इस उनन्‍्माद की ओर शयान नही दिया); उसका साथी क्रंद्ध भाव से यह सब हरकते देख रहा था । कमरे मे एक और आदमी भी था जो शक्ल-सूरत से एकं रिटायडं क्लके मानूम होता था । वह बीयर की चुस्कियाँ लेते हुए सबकी ओर देखता जाता था । वह भी किसी कारण से उद्विग्त था ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now