सरल नागरिक शास्त्र | Saral Nagrik Shaastra

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Saral Nagrik Shaastra by दया शंकर दुबे - Daya Shankar Dubeभगवानदास केला - Bhagwandas Kela

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दया शंकर दुबे - Daya Shankar Dube

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भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ४ ) चौदहवाँ परिच्छोद : शासन-पद्धति संघात्मक और एकात्मक शासन-पद्धति--लिखित और अलिखित सन-पद्ध ति--परिवत नशील সী अपरिवर्तनशीलू शासन-पद्ध ति-- सबरात्मक और अध्यक्षात्मक: शासन-पद्धति--एक-समभात्मक और दविसमात्मक शासन-पद्धति--मिन्न-मिन्न शासन-पद्धतियों की तुलना | ४ 9७० १६२१५७८ पंद्रदर्वां परिच्छेद ; राज्य का काये-क्षेत्र वध्यक्तिवाद--समाजवाद---समाजवाद के भिन्न-भिन्न रूप--समाज- वाद के शुण-दोष--उचित मार्ग--राज्य और व्यक्ति के उद्देश्य कौ समानता--भारतवर्ष और समाजवाद | १० १७९-१९९ ` सोलहवां परिच्छेद : राज्य के कायं | शान्ति-स्थापक कायं -रक्षा--शान्ति ओर सुन्यवस्था~न्याय-- लोकदितकर कार्य --धिद्ा-स्वस्थ्य - यातायात के साधन्‌ -समाजः सुधार--ा्थिंक हितसाघन | पुऽ २००-२१३ सतरहवां परिच्छेद ; सरकार के अंग सरकार के कार्यों के भेद--सरकार के प्रत्येक कार्य का महत्व-- सरकार के अंग--प्रत्येक अंग के आवश्यक शुण--व्यवस्थापक म॑ंडल--शासक वग --न्यायाघीश वग । पु० २१४-२२७ . अठारहवाँ परिच्छ द ; शक्ति-पाथवय ओर अधिकार विभाजन शक्ति - पार्थक्य--अधिकार - विभाजव--अधिकार - विभाजन को. | पद्धति--स्थानीय संस्थान्नो कौ विशिषता। ४० ररुण-२३९




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