ईशादि नौ उपनिषद् | Ishadi Nau Upnishadh

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Ishadi Nau Upnishadh by हरिकृष्णदास गोयन्दका - Harikrishnadas Goyndka

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रस + झस्त्र विषय . पृष्ठ ......1......... हे-९ अननका मांग जाना तथा पुरुषका उसे वाणी, प्राण, नेत्र, . ..।........... कान, त्वचा, मन और उपस्थके द्वारा पकड़नेका उद्योग... कस एवं पकड़नेमें असफल होना २५५९ १० अन्तमें अपानके द्वारा अन्नकों पकड़ लेनेके कारणके अपानकी मददत्ताका उल्लेख 'प *** २५८ १४ परमात्माका मनुष्य-दरीरमें प्रवेश करतेका विचार...“ २५९ १२ परमात्माका 'विदति” नांमक मूर्ददारसे दारीरमें प्रवेश करना . तथा उनके तीन स्थानों और तीन स्वप्नॉंका निरूपण २६० १३ मनुष्यका सृष्टि-रचना देखकर आइचययुक्त होना और प्र उसके बाद परमेदबरके साक्षात्कारसे इसी. दरीरमें उसके... पे ** रद है . कृतकृत्य हो जानेका कथन ४ परमेश्वरके 'इन्द्र” नामकी ब्यु्पत्ति ... ”... ””.... ”” २६२ द्वितीय अध्याय ( प्रथम खण्ड ).. डू (>र पुरुषद्वारा माताके शरीरमें गभप्रवेशरूप उसका प्रथम जन्म ः क तथा माताके द्वारा गभके पाठन-पोषणका वणन की दूसरा जन्म तथा पिता-पुत्रके सम्बन्ध और कतंब्यका संकेत. ”” “7. रद ३-४ माताके गर्भसे बाहर बालकरूपमें प्रकट होनारूप उसका... रद पिताद्वारा पुत्रपर वेदिक और लौकिक शुभ कर्मोका भार . . कि देकर. उक्रण होनेका और मरनेके बाद अन्य योनिमें .... :. उत्पन्न होनारूप उसके. तृतीय जन्मका कथन तथा इस ६-६ प्रकरणका मावाथ--जन्म-सृत्युसे छूटनेके लिये प्रेरणा वामदेव कऋषिकों ग्ममें ही ज्ञान होनेका उल्लेख तथा देहत्यागके परचात्‌ उनको परमघाम प्राप्त होनेका निरूपण तृतीय अध्याय मय हम ( प्रथम खच्ड ) मु .................. १ पर्वोक्त परमात्मा और जीवात्मा इन दोनोंमेंसे उपास्यदव .............. कौन है! और किसके सदयोगसे मनुष्य रूप आदि विषयोंका ं दि . अनुमव करता है ? इसके निगयाथ क्रषियोंका विचार २ 'मनकी देखना, सुनना, मनन करना आदिं दक्तियाँ ज्ञानरूप आा के भी ' के की. सी काका कि रद५ २६७. ' २६८.




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