ग्रामीण ज्ञानोदय | Gramin Gyanodya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Gramin Gyanodya by दयाशंकर दुबे - Dayashankar Dubey

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about दयाशंकर दुबे - Dayashankar Dubey

Add Infomation AboutDayashankar Dubey

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
९ ६१ ) मम तथा मध्य जलवायु में होनेवाले फल, आम, लीची, अमरूद, पपीता, कटहल, केला, लुकार, जामुन, खिरनी, आँवला, बेल, नारियल, खजूर, बड़दल, करोंदा ओर अनन्नास औदि हैं। ठण्डी तथा भूमि के अनुसार भिन्न जलवायु में होनेवाले फन्न अंगूर, सेब्र, शरोफा, तेन्दू. नासपाती, अनार, बेर, शहतूत, अंजीर ओर फालसा हैं। अभ्याम्‌ के प्रश्न १-- बूरो के সিল-মিল আমা को उददर्ण-षदित समन्छादये। “--श्राम के वृक्ष के तना से बरगद और पीपल के वृक्ष के तने की कुलना कीजिए, | ह--पत्तो ते क्‍या लाभ हैं ! ४“-अआपके गाँव में कितने प्रवार के आम के पेड़ हैं ! ५ --श्नापके गाँव में कौन-कौन से फलों के पेड़ हैं । ६---आपको कौन-सा फल बहुत पतद ইঃ ७-मर्मी के समय सें आपके गाँव में कौन-से फल मिलते हैं | “बाड़े के दिनों में आपके गाँव में कौन-से फल मिलते हैं ! ~~ पाठ ४. वृक्षों को लगाने की विधि जिस प्रकार मनुष्यों के जीवन के लिए भोजन, पानी ओर वा की आवश्यकता रहती हे, उसी प्रकार वृत्तो के लिए भी




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now