मेवाड़ पतन | Mevad Patan

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Mevad Patan by रामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इस श्रन्थके मूल लेखक स्वरगाय बाबू द्विजेन्द्रलाल राय बगभाषाकि रयात- नाश लेखक, कवि और नाय्यकार हो गये दें । नाटकलेखकोमें तो आपकी बराबरी करनेवाला इस देशमें शायद ही कोई हो । छापके नारकोका बगसा- हित्यको बहुत बडा भभिमान है । आप उन युगप्रवर्तक लेखकॉंमेंसे थे, जो अपनी प्रतिभासे साहित्यकी धाराको एक नईं गति अदान कर जाते हैं ! ्विजेन््रबाबू अगरेजीके एम. ए ये । आपका ओंगरेजी भाषापर बहुत बडा अधिकार था। जब आप कृषिश्ाश्नका अध्ययन करनेके लिए विलायत गये थे, उस समय मापने ' {.$1165 9 190 नामका अँगरेजी काव्य लिखा था, जिसे पढ़कर लोग विस्मयविभुग्ध हो गये थे । तत्कालीन अगरेजी कवि सर एडविन आरनोल्डने उसकी युकष्वकण्ठसे प्रदासा को थी और शक विदेशी पुरुषकी अमरेजी भाषामें इतनी अधिक क्षमता देखकर आश्चर्य प्रगट किया था । उसी समय आपके मसित्रोंने भापसे अपनी इस कवित्वशक्तिकी मातृ भा+ षाकी सेवामे नियोजित करनेकी प्रेरणा की, जो आप पर काम कर गई और उसका फल यह हुआ कि आप अपने जीवनमें नाटक, गीतिनाट्य, प्रहसन, काम्य ओौर गान आदि अनेक प्रकारके लगभग २५ अ्रन्थरत्न अपनी मातृमा- षाके श्रीचरणोंमें अर्पण करके अमरता लाभ कर गये । द्विजेन्द्रबाबूका स्वर्गवास हुए कोई चार वर्षं होगये । १७ मई सन्‌ १९१३ को आपने यह घराघाम छोडा था । आपकी मृत्युसे बगसहित्यस्तसारमे अपार शोक मनाया गया था) द्विजेन््रवाबुक्रे प्राय सबही उत्तम नाटकोंको इमने पडा है । उनम हमको एक अपूवे दी आनन्द प्राप्त हुआ । हमने बम्बईकी प्रसिद्ध असिद्ध साटक- मण्डजियोकि उद्‌, हिन्दी, गुजराती भौर मरासीके अनेक नाटक देखे हैं; परन्तु हमें ऐसे स्वर्गीय और पवित्र भाव, ऊँचे और मार्जित विचार, की गही मिले । ठेखनीकी हदयको दिला देनेवाली और हृतन्त्रीको बजा देनेवाली ऐसी आश्वयंजनक क्षमता इमने कहीं नहीं देखी । उन्बश्रेणीके कौटुम्निकेंम,




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