आश्चर्य - घटना | Aascharya Ghatna
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
132 MB
कुल पष्ठ :
455
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चथ परिच्छे
चथा पार्ट
बेरे सफेद पाल वाली नावो से नदी खशोधित दुद
= 0
{स @ रमेश ने एक मल्लाह का बुलाकर एक छोटी
ड ` ४ नाव किराये पर ली और नाव ड्रबने की रिपोर्ट
श्रि थाने मे देकर, इवे इए श्रात्मीय जनो की खोज
में पुलिस का तैनात करके, आप वधू को साथ ले घर को रवाना
इश्मा |
गाँव के समीपवर्ती घाट पर नाव के पहुंचते ही रमेश ने
सुना कि मेरे पिता, सास आर कई एक आत्मीय जनों की
लागें पुलिस ने पानी में से निकाली हैं । डूबे हुए व्यक्तियों में
कई एक म्ला का चोड ओर कोर वचा है, यह आश किसी
कान इद |
घर पर रमेश की बूढ़ी दादी थी । बह के साथ अकेले
रमेश को घर ाते देख चह उच्चस्वर से रोने लगी । महझे के जो
लोग बारात में गये थे उनके भी घर कुहराम मच गया । सारी
बस्ती में उदासी छा गई । दूलह-दुलहिन के आते समय जो
कुछ उत्सव मनाया जाता है, नेग-द्स्तूर होते हैं, वह एक भी
न हुआ । न बाजे बजे और न सघवाओं ने सडल-गीत माया |
कोई स्त्री वधू को देखने भी न आई |
रमेश ने पिता का श्राद्ध आदि करिया-कमं हाने के वाद शीघ्र
ही पलली को साथ लेकर श्रन्यत्र जाने कां विचार किया, किन्त
पतक धन-खम्पत्ति की कोड् व्यवस्था किये बिना शीघ्र चला
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