परिग्रह परिमाण व्रत | Parigrah Pariman Vrat
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
378
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
श्री साधुमार्गी जैन - Shree Sadhumargi Jain
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१९ | विषय-प्रवेश
और उसके जाने पर दुःख करना, यह मूछों है । इस श्रकार की
इच्छा या मृच्छ का नाम ही ममत्व है, और जिस भी वस्तु कैः
प्रति ममत्व है, वही परिह है । तात्वाथ सूत्र के रचयिता श्री उमा
स्वामीजी ने भी कहा है---
मूख परः
अध्याय ७ सूत्र १२
अधीत--मूछो ही परिग्रह है ।
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