हिंदी में अर्थशास्त्र और राजनीति साहित्य | Hindi Me Arthashastra Aur Rajniti Sahitya
श्रेणी : राजनीति / Politics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
दयाशंकर दुबे - Dayashankar Dubey
No Information available about दयाशंकर दुबे - Dayashankar Dubey
भगवानदास केला - Bhagwandas Kela
No Information available about भगवानदास केला - Bhagwandas Kela
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तफशास्त्र साहित्य
0
ग्र्थशास््र की सम्भवत मवसे पटली पुस्तक रई । सरकारी प्रकाशनः
विभाग द्वारा प्रकाशित है । विद्याथियों के उपयोग के लिए, (्पोलिरिकल
इकानामीः के प्रारम्भिक सिद्रान्तों का परिचय देने वाली एक पुस्तक
स्कृलों के इन्स्पेक्टर-जनरल ने प्रकाशित करायी थी, उसका यह
श्रनुवाद दै ।
२--चात्तोपयोगी अर्थशाख । ले०--श्री° व्रजनन्दन सदाय |
यह सन् १६०६ में नागरी प्रचारिणी सभा, ररा; द्वारा प्रकाशित
छोटी सी पुस्तक है । इसमें ्राठ पाठ हैं, उनमे कुछ मोंटी-मोटी
वातो की चर्चां की गयी है । मूल्य =} ह ।
३ -'अथशास्त्र प्रवेशिक' । ले०--पं० गणशदत्त पाठक । यह
सन् १६०७ ई० सम इश्डियन प्रेस, प्रयाग, से छुपी । इसकी कई त्ावू-
त्तियाँ हो चुकी हैं। सशोंधित संस्करण की वड़ो श्यावश्यक्ता है ।
मूल्य) है।
पैसा । ले०--पं० चन्द्ररोखर शर्मा । यह “पाटलीपुत्र”
कार्यालय, पटना, से प्रकाशित हुई । इसकी भाषा च्छ मनोरञ्चक
है । इसम विशेषतया उत्पत्ति, वितरण श्रौर राज्य-कर पर ही संक्षेप
मे विचार किया गया है । विनिमय पर बहुत कम, श्रौर उपभाग
पर तो प्राय कुछ भी नहीं है । मूल्य ।*], पप्ठ सख्या ६१ |
५--रू म्पत्तिरास्र । ले० -प० महावीरप्रसाद द्विवेदी । वह
शपने विपय की पहली बड़ी पुस्तक हैं । सरल श्र सुवोब भी है।
इमम स्थान स्थान प्रर भागतीय उदाहरण दिये गये हैं । श्रावश्यक
पारिभापिक शब्दो के उपयोग मे भी सुयोग्य लेखक ने श्रच्छा परिश्रम
किया दै । यह पुस्तक कई वर्ष तक इस विपय के लेखकों के लिए. बहुत
लाभकारी रही है। पर, श्रव इसमें श्राधुनिक, नवीन विचारों का
श्रभाव प्रतीत होता है । यह पुस्तक शव प्रायः अम्राप्य है । काशक
(इडियन प्रेस; प्रयागे) की इसका नया सशोधित संस्करण प्रकाशिन
करना चाहिए. ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...