वेदकालीन समाज | Vedakalin Samaj
श्रेणी : समकालीन / Contemporary
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
380
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भूमिका ११
समान यदी व चिचरणदील जाति के निवासस्थान के लिये उपयुक्त
नदी द्ये स्ता)
(२ } यदियं याति का आदिम निवासनस्थान मध्यपदिया
होता तो उस पर मंगोल जाति का कुछ न कुछ प्रभाव अयश्य रददता,
जो कि पिल्ल नद्धं दे ।
(३) भाचौीन आयौ के मघुक्ा चान् था! मधघ्यपश्चिया मे
मधुमक्खियाँ ही नहीं होतीं, तब मधु री चात दी र्दा?
(४) यदि आर्य लोग मध्य एशिया के रहने चाले दोते तो
थे पूर्प में चोन को ओर फेलते न कि पश्चिम में खाक्सस नदी के
फउार में ।
(५४ ) यूसेप को दी आरयों का आदिम नियासस्थान मानना
अधिक युक्तिसंगत दे, क्योकि बहा के सव देशों में आर्यमापाएं
ही हैं च दिया फे केचल पक दी दे भारम मार्य॑भापा ह ।
कॉकेकस पर्वन का प्रदेश (एदिया मायनर की उच्चसम भूमि)--मेयर से
आयी के आदिम नियासस्थान का पता लगाने का एक अनोखा
साधन ढूंढ निकाला है उसने पक विचित्र रथ की ओर पिड़ानों
का ध्यान आकर्षित फिया है जो प्राचीन मिश्र के अट्टापीसर्वे
सनघराने की पसू कवर में पाया गया था ! उस रथ को यआायां का
बताया जाता है च जो अय फ्लॉरेन्स में दै। घद स्य चिटेदी ढड़
वा मालूम दोता दे थ उसके अक्ष में भूजें की छाल वँधी हुई दे!
मेयर के मतानुसार भूर्ज दृक्ष मिश्च से कॉकेशस परत ये अतिरिक्त
आर कटि धिक निकट नदीं पाया जाता \ अतपव आयं लौ का
आदिम निवास स्थान कोकिशस का कोई धदरेदा दोगा, जहांसेवरे
लोग चेविलोनिया खादि देतो फैले व उन्दने अपनी रथरूपी
व्ि्चिष्टता का प्रचर कियार। डी
पो° सेइस के मठासनार पद्चिया मायनर में 'शतम्* च. “सन्टम'
समुदाय की भापाजो का पाया जाना भी विचारणीय हे! साथ दी
मानवदाख् ( ^ष्पप्णुणण्ड) ) वे चिद्धान् दसौ प्रदेश को छोटे
सिस्वाली अर्पाइन जाति का मूल निचास स्थान मानते दे ।
१ चाइल्ड ~ “दौ आयंन्सः प° २६
९ वदी, ए० २६-९७
उ वही, पृ० १९२९३, २०४
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