अब किसकी बारी है | Ab Kiski Bari Hai

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Ab Kiski Bari Hai by विमल मित्र - Vimal Mitra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अब किसकी बारी है? / 13 कने पूछा, “माषको यह सब कंसे और किससे मालूम हुआ ?”” मिस्टर प्रिफ़िय बोले, “वह एक आश्चर्यजनक घटना है। इसे मप को- इंसिडेस्स भी कह सकते हैं । मैं किसी काम से लीबिया गया था । वहां एक पार्टी में जाने पर अचानक मिसेज अहमद सुलताना से जान-पहचान हो गई । ये भारतीय महिला हैं । यह जानकर कि मैं उपन्यासकार हूं, वह खुद आगे बढ़कर आईं मौर सपना परिचय दिया । उसके वाद एक दिन अपने यहां डिनर पर आमंत्रित किया । बोलीं, आपसे ढेर सारी बातें करनो हैं ।* “उसके बाद ?” मिस्टर प्रिफ़िय.दोले, “शुरू में मैंने सोचा था, लीबिया की पृष्ठभूमि पर उपन्यास लिखूंगा। मगर मिसेज सुलताना से बातचीत करने के दौरान मैंने अपनी भोजना बदल डाली । मिसेज सुलताना ने मुझसे एंकाएक कहा, आपने मिस्टर बैशम के द्वारा लिखी गई इतिहास की पुस्तक 'द वंडर दट वाज इंडिया' पढ़ी है ? मैंने कहा, “नही 1” मिसेज सुलताना ने कहा, “मिस्टर वैशम हमेशा लंदन में ही रहे। 1950 ई० में एक स्पेशल पोस्ट पर कलकत्ता आए थे भर उसी सात उनकी मौत हो गई। उनके जैसा इंडोलॉजिस्ट आज के जमाने में कोई नही है। उस किताब को पढ़िएगर तो फिर लीबिया के संबंध में किताब लिखने की आपको ख्वाहिश नहीं होगी 1 न मैंने पूछा, “आप भारत में पैदा हुई हैं?” मिसेज सुलताना मे कहा, “हां, पंजाब के गुरुदासपुर में ।” पंजाब में पैदा हुईं तो फिर आप लीबिया कैसे आईं?” मिसेज सुलताना के पति मिस्टर हुरसन अहमद बगल में ही बैठे हुए थे । वे बोले, में एक भारतीय इंजीनियर हु 1 मैं भारत में ही नौकरी करता था । यहां एक खासी मच्छी नौकरी मिल गई । इसी वजह से परिवार के साय लीबिया घला साया +“ मिसेज सुलताना तीन सुन्दर सन्तानो की मांह । पति भी अच्छे पद पर हैं! घरदद्वार करीने से सजा-संवार कर रखा है। ख्राततो खुशहाल घर-गृहस्थी है, यह देखकर ही समझ गया 1 हालाकि वे लोग भारतीय हैं, भारत में हो पैदा हुए हैं फिर भी ऐसा लगा जंसे वे लोग भंप्रेदां हैं । चाल-चलन, आहार-विहार भर लिवास से देस्टर्नेमाइज्ड । यानी वे लोग अंप्रेडी तीर-तरीके के पावन्द हैं डिनर की समाप्ति फे बाद कॉफी साई । मैं सोफे पर इत्मीनान से बैठकर बातें कर रहा था कि तभी एकाएक मिसेज सुलताना ने कहा, “हो सकता हैं बापको यह्‌ सुनकर भागवयं हो कि मै भाधी तिख भौर बाधो मुनिम हुं।” मैंने अनकघाकर कहा, “इसके मायने ?”'




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