सिद्धान्तसारादिसंग्रह | Siddhant Saradi Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
358
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१५
शद्फापनमयदीपिष्ट पल्योपमधिधेश्च यः ।
चारित्रद्ुद्धित पसब्धतुखिद्ाददात्मनः # ७६
संश्शयिवद् नविदारणमपशब्दसुखण्डनं परं तकं ।
सखर्वनि्णंयं वरस्व रूपसं बोधिनी वृत्तिम् ॥ ७७
अशभ्यात्मपद्यचसि स्वाथीपूचंसर्वतोमद्रम् ।
योऽङृतसश्याकरणं चिन्तामणिनामधेयं च ॥ ७८
छत येनांगप्रश्तिः सर्वा इगथोप्ररूपिका ।
स्तोन्राणि च पवित्राणि षड्वादाः भीजिनेहिनां ॥ ७२,
तेन भीद्युभचन्द्रदेवविदुषा सत्पाण्डवानां परम् ।
पुभ्यर्दुण्ययुराणमन्न सुकरं चाकारि प्रीत्या महत् ॥ ८०
भ्रीमद्धिक्रममूपतर्दिंकहते स्पष्टाष्टसंख्ये शते
रम्येऽष्टाधिकवत्सरे सुखकरे माद्रे दितीयतिथी ।
श्रीमद्वाग्बरनिचंतीदमतुरे धीशाकवारे पुरे
भीमञ्ी दुरुषाभिधे विरचितं स्थेया राणं चिरम् ॥ ८६
अर्थात् पाण्डवपुराणके कर्ता झुभचन्द्राचायके बनाये हुए नीचे ढिखे प्रन्थ
१ चेन्दभमचरित, २ पृद्मनाभचरित, ३ जीवघरचरित, ४ चन्दनाकथा, ५
नन्दीश्वरकथा, ६ आक्षाधरकृत अचौ ( नित्यमहोद्योत ) कौ टीका, ७ न्रिंशल-
दुर्विश्चतिपूजापठ, ८ सिद्धचक्रव्रतपूजा, ९ सरस्वतीपूजा, १० चिन्तामणियंत्र-
पूजा, ११ क्मेदहन विधान, १२ गणधरबरल्यपूजा, १३ ( बादिराजङ्ृत ) पाश्च.
नाथक्ाव्यषी पंजिश्य टीश्च,* १४ पत्यत्रतोद्यापन, १५ चतुल्िंशदधिकद्वादश
शतोयापनं ( १२३४ तता उद्यापनं ), १६ संशशयिवद्न विदारण ( उवेताम्बर-
मतखण्डन ), १७ अपक्चम्दखण्डन, १८ तत्त्वनिर्णय, १९ स्वरूपसम्बोधन-
( अकटेकदवङृत ? > की इत्ति, २० अध्यात्मपथरीका, २१ स्वेतोमद, २२
चिन्तामणि नामकः भकरतन्याकरण, २३ अंगप्रज्नप्ति, २४ भनेकस्तोत्र, २५
षडवाद गौर पाण्डव {राण ।
# यद् भन्थ स्वगाय सेठ माणिकचन्दजीके. प्रन्थभाण्डारमें मौजूद है ।
९ यह् प्रन्थ भाणिकचन्श्परन्यमालार्मे प्रकाश्चित होनेवाखा है ।
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