निदान चिकित्सा हस्तामलक | Nidan Chikitsa Hastamalak Part I

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Nidan Chikitsa Hastamalak Part I by हरिदत्त शास्त्री - Haridatt Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय एकश्रान्ति थे जठराग्नि के दौवंल्य से उत्पन्न आम धात्वग्नियों के दौवेंल्य से उत्पन्न आराम आम के अन्य स्रथ नव्य-मत से आराम की व्याख्या सामता-निरामता के ज्ञान की श्रावव्यकता चास्त्रसाध्य तथा स्नेहादि क्रिया साध्य रोग प्राकृत-वैकृत रोग रोगों के प्रमुख वर्ग निज तथा ग्रागन्तु सातवां अध्याय झायुर्वेदाभिमत प्रमाण प्रमाण का ग्रर्थ तन्त्राभिमत प्रमाण श्राप्तोपदेश श्राप्तोपदेशा का प्राथम्य प्रत्यक्षअमाण अनुमान-प्रमाण तथा युक्ति उपमान-प्रमाण परीक्षा चेविध्य प्रत्यक्ष द्वारा रोग-परीक्षा प्रष्न द्वारा रोगो की परीक्षा देय काल जाति सात्म्य आतड्ु-समुत्पत्ति तथा काल- प्रकर्प (ड्) रेदेर्ड देश दे३६ ३३७ ३३७ ३३७ देदेप ३४२ ३४ हे ३ रह उप ३४ ३५२ ३५३ ३ उप ३६० ३६१ विषय वेदनाएँ बल श्न्तरग्ति (जठरार्नि ) कोष्ठ मल-प्रवृत्ति अभिष्राय आ्रास्य' रस नक्षत्र उपयाय-झ्रतुपणय अ्रनुमान द्वारा रोग-परीक्षा वालकों की रोग-परीक्षा में श्रनुमान का स्थान सम्यक परीक्षा का महत्त्व आठवोाँ अध्याय रोग-परीक्षा में परीक्षणीय विषय एक सज्ञा का में श्रनेक झर्थों में प्रयोग (टिप्पणी ) प्रकृति कफ-प्रकृति पुरुष के लक्षण पित्त-प्रकृति पुरुष के लक्षण वात-प्रकृति पुरुष के लक्षण महाभूतो के भेद से पव्न्चविध प्रकृतियाँ महाप्रकृतियाँ सत्त्व-रज-तम श्रात्मा की प्रकृति सुश्वुत-वाणित साख्य झ्रायुर्वेदा- भिमत नहीं सात्त्विकादि मनो एव पुरुषों के लक्षण पृष्ठ धर ३६३ ३े६रे ३६३ ३६ दे६्द दे ३६७ ३७० ३७० ३९७ १ ३७६ ३े८र रेपर्ड ३८१४ रे८६ ३६६ ४० है श्‌ 9 ४२७ दि २ दर हे




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