साहित्य परिचय | Saahitya Parichay

Book Image : साहित्य परिचय  - Saahitya Parichay

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about नाथूराम प्रेमी - Nathuram Premi

Add Infomation AboutNathuram Premi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
श्० साहित्य-परिचय अमर यश प्राप्त कर छिया। उनीसवीं शताब्दिसे हिन्दीका जो आधुनिक काल प्रारंभ हुआ उसकी विशेषता यह है कि मेरठके आसपासकी खड़ी बोलीने प्रधानता प्राप्त कर ली और उसने क्रमशः हिन्दी साहित्यपर प्राय असपत्नीक अधिकार जमा लिया । हिन्दी भाषाकी मुख्य बोलियाँ आठ हैं जिनमें खड़ी बोली बौंगरू ब्रज कनौजी और बुंदेलखण्डी इन पौंचको पश्चिमी हिन्दी तथा अवधी बघेली और छत्तीसगढ़ी इन तीनको पूर्वी हिन्दी कहा जाता है । पश्चिमी हिन्दीका विकास शौरसेनी प्राकृतसे तथा प्ूर्वीं हिन्दीका अधघमागधी प्राकृतसे अनुमान किया जाता है किन्तु यदि हम उपलब्ध अपभ्रद् भाषा और साहित्यकी सामग्रीको सन्मुख रखकर विचार करें तो हमें ज्ञात होगा कि सामान्यतः हिन्दीकी सच्ची जननी वह अपग्रेदा भाषा है जिसकी हेमचन्द्राचायने अपने प्राकृत व्याकरणमें खूब उदाहरण देकर व्याख्या की है ओर जिसे अन्य वेयाकरणोंने नागर अपभ्रद्ा कहा है । संभवत इसी कारण हिन्दीका असली प्राचीन नाम नागरी पाया जाना है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now