सरल रेडियो विज्ञान | Saral Radio Vigyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दूसरा प्रकरण विद्युत (81501810165) रगड़ने से विद्युत--कुछ पदार्थ जैसे इबोनाइट, काँच, राल इत्यादि जब उपयुवत पदार्थो से रगड़े जाति हँ तो उनमें श्रन्य हल्के पदार्थं जैसे काकं एवं कागज के टुकड़े आदि को अपनी श्रोर खींचने का गुण आ जाता है। वस्तुओं को खींचने के इस गुणा के आ जाने का पता आज से लगभग ढ़ाई हजार वर्ष पूर्व लगाया गया था| यह अद्भुत शक्ति, जिसके कारण वस्तुओं को रगड़ने पर उनमें अन्य वस्तुओं को अपनी ओर खींचने का गुण श्रा जाता है, विद्युत कहलाती है । जिन पदार्थों में यह गुरा आा जाता है वे विद्युन्मय कहलाते हैं । रगड़ने से उत्पन्त विद्युत एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं भेजी जा सकती इसलिए यह ॒ स्थिर विद्युत ( 8800 ९1९०४ ) कहलाती है 1 विद्युत के दो प्रकार--यदि काँच की एक छड़ को रेशम से रगड़कर इसी प्रकार रेशम से रगड़ी हुई दूसरी काँच की छड़ के पास लाया जाय तो वे एक दूसरे को दूर हटायेंगी । इसके विपरीत यदि रेशम से रगड़ी हुई काँच की एक छड़ को फलालेन से रगड़ी हुई लाख की छड़ के पास लाया 'जाय तो वे एक-दूसरे को आकर्षित करेंगी । | ऊपर के वर्णन से यह ज्ञात होता है कि विद्युत दो प्रकार की होती है तथा एक ही प्रकार की विद्युत रखने वाले पदार्थ एक दूसरे को दूर हटाते हें और श्लग- श्रलग प्रकार की विद्युत रखने वाले पदार्थ एक दूसरे को आकषित करते हैं । काँच को रेशम से रगड़ने पर उत्पन्न -विद्युत धन-विद्युत तथा लाख को फलालेन से रगड़न पर उत्पन्न विद्युत ऋणु-विद्युत कहलाती है । पदार्थों को विद्युन्मय रचना तथा विद्युत--संसार के-सभी पदार्थ (17186067') तीन भागों में विभाजित किये जा सकते हैँ --तत्व, यौगिक तथा मिश्रण । तत्व (11611611) --वह्‌ पदार्थं हँ जो कि रासायनिक क्रिया द्वारा अन्य पदार्थों मे विभक्त (7801९58) नहीं किये जा सकते । श्रव तक कृल 96 तत्वों का पता लगाया जा चुका है। शेप सभी पदार्थ इन्हीं तत्वों के विभिन्‍न अनुपात में मिलने से बने हुए हूँ | तत्व पदार्थ की शुद्धतम अवस्था हैं। सोना, चांदी, पारा और ताँवा इत्यादि तत्व हैं । योगिक ((!07919००7४व )---यौगिक दो या दो से अधिक तत्वों के मिलने से




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