श्रीमद्भागवद्गीता | Shreemadbhagwadgeeta
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
405 MB
कुल पष्ठ :
618
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about हरिकृष्णदास गोयन्दका - Harikrishnadas Goyndka
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand). ल्यादिशुणगणाविष्कारेण अक्रूरमा-| सौशील्यादि गुणसमूहोंको प्रकट करके
राकारादीन् परमभागवताच् कत्वा | अक्रूर, मालकार आदिको परम भक्त `
पाण्डतनययुद्धप्रोत्साहनव्याजेन पर-| एवं पडत अनक युद्धके `
| न | लिये प्रोत्साहित करनेके बहाने परम
मपुरुषथरक्षणमाक्ष पुरुषाथ मोक्षके साधनखूपसे वेदान्ते
` न्तोदितं खविषयं ज्ञानकमायुगृहीतं |
| वणित ॒ज्ञान-कर्मके द्वारा साध्य `
: भक्तियोगम् अवतारयामास | ৰ खविषयक भक्तियोगको प्रकट किया |
4 तत्र पाण्डवानां इरूणां च युद्धे | वहाँ ( इरुकषतरमे ) जब कौख ओर `
| | पाण्ड ग तयारी ह
সান स॒ मगान् पुरुषोत्तमः वमि य॒द्धकी तयारी हो चुकी थी,
2: तिमत | तव॒ जगत्का उपकार करनेके स्यि
: सर्वेश्वरेथधरों जगदुपक्ृतिमत्य জা- | বন্ধন धारण करनेवाले, ।
भितबत्सस्यविवक्चः पार्थ रथिनम् | इश्रोके भी इश्वर भगवान् पुरुषोत्तम ४
आत्मानं च सारथि सर्वलोकसाक्षिक | श्रीकृष्णचनद्रने ररणागत-वतसल्तासे
| किरा होकर सव लेगोके सामने अर्जुन ` \
(त 777 धि को रथी बनाया ओर खयं सारथि बने। `
एपम् अजुनख तौ उत्कषं ज्ञाता | ` इस प्रकार अज्जुनकी उत्कृष्टता
वॉत्मना अः न्धा धतराष्ट्र: | जानकर भी सब प्रकारसे अन्धे घृतराष्ट्रने ..
संजय | दुर्योधनका विजय-संवाद छुननेकी इच्छा-
= ससज
धृतराष्ट्र उवाच ` `
युयुत्सवः
मकुबेत संजय ॥ १ ॥
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