आशाकी नयी किरणें | Asha Ki Nayi Kirane

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ड्‌ ५ @ 7) क ৮৫ शरद कर १ . | ধু आशाकी नयी किरणे स्थापनाके लिये युद्ध करती और अत्याचार, अन्याय, विछास और कामुकताका विनाश करती है | तात्पथं यह कि इन सब रूपोंके विधानमें शक्तिके नानां रूपोंका महत्व जनताके हृदयतक पहुँचाया - गया है | एक युग था जब भारतत्रासी सुशिक्षित थे और इन प्रतीकों- का अर्थ समझते थे | खेद है कि अब इनका गुप्त भेद विस्थृत हो गया है और केव्छ बाह्य पूजाकी भावनामात्र शेष रह गयी है, फिर भी इससे शक्तिका महत्त्व स्पष्ट हो जाता है ! बलवान्‌ बनो ! शक्तिकी पूजा करो | जब हम यह सलाह देते है, तो हमारा गुप मन्तव्य यह होता है किं दुर्बल मत वनो | कमजोर मत बनो । जिधस्से कमजोरी आती है, उधर ध्यान दो ओर निबंलताको दूर मगाओ । अपने शरीर, मन, आत्मामें शक्ति मर लो | संसारमें अनेक पाप हैं । आप गौको मार देते हैं, तो गोहत्या- का जघन्य पाप आपके सिरपर पड़ता है | किसी बच्चेको मार देते है, तो बाख्हव्याके अपराधी होते हैँ | किंसी ब्राह्मणका वध कर डालते हैं, तो ब्रहमहत्याका पाप लगता है । इसी प्रकार हमरे शासखमे अन्य भी अनेक पापोंका उल्लेख है, किंतु एक बहुत बड़ा पाप डुबंछता है | शरीर, मन या आत्माका कमजोर होना मनुष्यक्रा बहुत बड़ा पाप है | इसका कारण यह है क्रि दुरबताके साथ अन्य भी समस्त पाप एक-एक करके मनुष्यके चरित्रमें प्रविष्ट हो जाते हैं | डुबलता सब ग्रकारके पापोंक्ी जननी है | द यदि आप दुबंछ हैं, शरगेरसे कृशकाप और मनमें साहसविहीन _ : हैं, तो अपने या अपने परिवार-पड़ोस हत्यादिपर किये गये अत्याचार- সপ ^




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