समग्र जैन चातुर्मास सूची | Samagr Jain Chaturmas Suchi
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
434
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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युवा मनीषी श्री सुभाष मुनिजी म.सा.
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४९ जनवगं १९८९ को जन्मे वालक मुभापन जीवन क्र उपाकालम दी ९मई
५९७० को नाभा, (पजाब) मे भारत केशग आचार्य प्रवर पूज्य श्री काशीराम
जामसा केसुनिप्य श्रमणसबीय तेजस्वी मत श्रेष्ट व्याख्यान वाचम्पति, कविग्त्न
था मुस्द्र मुनिजी मे मा के चरणों में श्रमणीय महासंपदा भागवता दीक्षा ग्रहण दी।
दीघा स्वीकार कर लेने के पण्चात् मम्पूर्ण जीवन जान- शील व गुरुसे वा को
समर्पित कर दिया। स्वाध्याय. ध्यान, विनय व मेवा आदि आध्यन्तग तप
क्रागत, दिन साधना आगधना करके विद्वान सत व प्रचुद्ध मनीपी के रुप मे
जन जगत में पहचान स्थापित की है।
आप जेन श्रमण की आदर्श पग्म्पग त्याग, समन्वय वृत्ति व योग साधना के
माक्षात प्रतीक हे। देनिकलचर्या म आपका अधिकाश ममय जप व ध्यान सानना
पत्यतात हाता हे स्वभाव से निग्पूर्ी , उठाग्वाठी , मिलनसाग् व प्रभावक बबना
= । आपके जीवनमे प्रजा भर मेधा का. श्रद्धा ओर तर्क का तथाज्ञान व क्रिया
ऊा अनप मगम है। सेवा व शिक्षा के क्षेत्र मे जागृति एव प्रेरणा देकर, बुर:
ऊग डालने की उत्कट ललक है। अल्पकाल में ही आपकी प्रेग्णा मे अनेक
प्रा मे सकल अम्यताल वे टिग्यैन्ससी आदि सम्धाए मफलता में गतिशाल है?
आपश्रों का इस वर्ष का चातुर्मास सुप्रसिद्ध ओद्योगिक नगरी लुधियाना
(पज़ाब) मह#।चातुर्मास क प्राग्म्भ से ही उस क्षेत्र में धर्म ध्यान, तप - त्याग.
मामापिकः-म्वाध्याव, शान्ति जाप वे धार्मिक शिविरों के साथ-साथ
आध्यान्मिक अभ्युटय एव चाग्त्रि निर्माण के नये आयाम स्थापित हो र|े |
लोक जीवन का उध्चमुखी अभियान प्रवर्तमान है । प्रवचन को अम्रतमयी भाम
मे जम- जनेतर सभी वर्ग छे लाग आप्लावित । तत्वचर्चा, मानवीय जीव ८
य साम्रायिक सदर्भो के गहन चिन्तन मनन से सभी लोग लाभाश्तिय री सा
1 युवावर्ग में उत्माह ब धर्म की नई लख् व्याप् है |
धाक्षों समाग्पक्षसे चार बतनभाई दिक्षित है । साच्यी डी अनाज मे सगे
জানলা যা আর লাগনী গা মলীদারী ন মা आगन्त ना भगिना +
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Sammed Bansal
at 2021-06-02 23:35:07