शीघ्रबोध भाग 23-24-25 | Shighrbodh Bhaag 23-24-25
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
182
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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वायु कायमें जाते दे वहां भी दोय भव करंते दे परन्तु अप्तन्नी
मनुष्यक्ति जघंन्ध स्थिति होनेसे गमा (१-5६) तीन तीन ही
होता है ७६५-३-६ सर्व मीलाके ७७४ गेमा द्वोता है `
जघन्प दोघषमव उत्कृषछ आठ .सवक् गमा
१६४६ द्ोते दे इसके स्थार्नोका विवरण, यथा
२६ संज्ञों तीयेच पांचेन्द्रिय मरके सतावीस स्थान जाति ,
है जिसमे एक सातवी नरक वके, शेष २६ स्थान ।
१६ मनुष्य मरके .१९ स्थान जावे देखो छठा दासि ।
११ मनुष्य मरके ,१९ स्थानमें जावे निस्त ९-३४-५६.
ठो नरक्र तथा ३-४-५-६-७-८ वा देवछोक एवं ११, स्थान
जावे | রি
एवं ९२ स्थान जाने अपेक्षा और- ९२ “स्थान पीच्छा
आने अपेक्षा सवे १०४ स्थानमें ज० दोय भव 3०» आठ भव
करे प्रत्यक स्थानपर नौ नी गमा दोनेसे ९६६ गमा हवे ।
एथ्वीकाय मरके एथ्वीकायनं जावे निरे पंच गमाम ज?
दोय मव उ० आठ मव करते दै एवं दोप च्यार स्थावर्,तीन
वैकलेन्द्रिपका पांच पच गमा गीननेसे ४० गमा होते है । पी
मनुष्य संज्षी तीयच असंत्री तीयेच मरके वीये जवे व्
ज० दोय 3० आाठमव निस्के नी नी गमा जीर अंप्तेज्ी मनुष्य
एरस्वीकायमें जाये मव ० दोय उ० णाठ करे परन्तु जधन्य
स्थिति होनेसे तीन गमा ( ४-५-६ ) द्ोता है एवं ३० गमा
तथा ४० पेदलके एवं ७० गमा शथ्वीकायके हुवे इसी माफोक
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