आदिवासी | Aadivashi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
151
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पंडित जवाहरलाल नेहरू -Pt. Javaharlal Neharu
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२ - आदिवासी
उर्वर और अनुर्वर सारी भमि
: .धिक-धिक् मुझको, जो खोले मैंने सभी रहस्य !
এ
आदिवासी प्रदेश पर अधिकार कर लेने पर प्रौस्पेरो सामाजिक उत्थान
और शिक्षा के विकास की . उपेक्षा. नही करता और उसके इस कायं - में उसकी
पुत्री मिराण्डा एक कुशल और उत्साही सहायक के रूप-में सामने आती है । यद्यपि
, वे कैलिवन को केवल एक दास ग्रौर लकड़हारे की स्थिति में पहुंचा देते ह तथापिं
वह उस से सहानुभूति दिखाती ह और उसको पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए हर
समय उसकी कुछ न.कुछ सहायता करती रहतीहेँ । ' ' |
पर इसमे सफलता प्राप्त नहीं हुई । जसा कि श्रभी हाल मेँ श्री प्रक.करमोड'
ने कहा है---कैलिवन की.शिक्षा केवल व्यर्थ ही नहीं गई वल्कि हानिकरं भी सिद्ध
हुईं | वह बोलने के गूण का केवल दुरुपयोग ही कर सकता है, और उसको सुसंस्कृत
करने में प्रौस्पेरो उसके श्रन्दर उद्याम वासनाएं---मिराण्डा के प्रति कामोत्तेजना,
अपनी हीन स्थिति के प्रति असन्तोष की भावना, महत्वाकांक्षाएं, सभी प्रकार की.
' बरीआदतें--पैदा करदेता'है । किसी को विता सोचे-समझे जल्दी से सम्य तथा
५ पढ़ा-लिखा बनाने का. परिणाम आज भी ऐसा ही होताहं। |
ह तो भी शेक्सपियर जिसका दृष्टिकोण . जान्सन से- अधिक জানমীলিক্ ই,
दूसरे पक्ष पर भी दृष्टिपात करता है 1: कैलिबन गुणों से बिल्कुल हीन नहीं. है,
'ऐसा प्रतीत होता है कि उससे अन्याय किया गया ह । इस सबके अलावा उसे भी.
.. संगीत से प्रेम है और अन्य स्थानों के आदिवासियों की भांति वह भी कविता प्रेमी
है, और वह कुछ क्षण के लिए बहुत॑ ही सुन्दर भाषण करता हूँ । : सभ्यता -के वे
प्रतिनिधि जो प्रौस्पेरो के साथ उस द्वीप में पहुंचते हैँ, किसी भी रूप में केलिबन
से श्रच्छे नहीं हैं। स्टीफेनो और ट्रिन्कुलो शराब के नशे मे चूर रहते हूँ, एन्टोनियो
दुष्ट और नीच प्रकृति का व्यक्ति है, एलोन्डो का जीवन घोर अपराधों से पूर्ण
ह । आधुनिक संसार के इन्हीं प्रतिनिधियों के श्रभाव के चक्कर में पड़कर
' कैलिबन शराब पीने लगता है और अपने स्वामी के साथ बुरी तरह पेश आता है?
' निरचंय ही यह बात , कम महत्वपूर्ण नहीं . है कि शेक्सपियर हमारे सामने 'इस
.. आदिवासी को एक शराबी: नौकर के “खुशामदी' के. रूप में प्रस्तुत करता है ।
उस समय से आदिवासियों का विश्वास प्राप्त कंरंने के लिए जो तरीके
_ अपनाए गए हैं, उनकी दृष्टि से यह एक मनोरंजक ` वातरं किं कलिबन को
प्रभावित करने के लिए स्टीफेनों यह दावा करता हू कि वह चन्द्रमा से.अवतरित
- छुआ है ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...