किससे क्या सीखें | Kisse Kya Sikheyn

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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শি मुहम्मद साहव का मद्य-निषेध ६ शिष्य ने कहा--“विलकुल आपको ही समर्पण कर दिया था} गुरुजी ने कद्दा--“तो फिर उसका क्‍या हुआ, क्या नहीं हुआ, इसकी पंचायत तु किसलिये करता है ?” .. खचमुच पर-दुःख निवारण करने के लिये अपनी प्रिय-से- प्रिय ओर क्रीमती-से-कीमती वस्तु का त्याग कर देना संन्यासियों का लक्षण है। , (६४) मुहम्मद साहव का मद्र-निषेध मद्ापुरुष मुहम्मद पेग्रंवर ने अपने योवन-काल में एक गाँव में जाते समय देखा कि संध्या-समय अनेक अरब लोग हक होकर शराब पी रहे हैँ, और इस अवस्था में खूब दख रदे तथा आनंद-पू्वेंक समय बिता रहे हैं। दूसरों को सुखी देखकर स्वभावत: एक सात्त्विक पुरुष को जो आनंद होना चाहिए, चह मुहम्मद्‌ साहवच को उस दिन हुआ । दूसरे दिनि लौटते खमय «न्‍्होंने देखा कि वहाँ बहुत- सा रून बद रहा है! पूछ-ताछ करने पर मालूम हुआ कि बहुत शराब पीकर उन अरब लोगों ने गई रात को बहुत




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