समग्र ग्राम - सेवा की ओर | Samagra Gram Seva Ki Or
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
आचार्य कृपालानी - Aacharya Kripalani,
धीरेन्द्र मजूमदार - Dheerendra Majoomdar,
रामनाथ सुमन - Ramnath Suman
धीरेन्द्र मजूमदार - Dheerendra Majoomdar,
रामनाथ सुमन - Ramnath Suman
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
721
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
आचार्य कृपालानी - Aacharya Kripalani
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धीरेन्द्र मजूमदार - Dheerendra Majoomdar
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रामनाथ सुमन - Ramnath Suman
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १६ )
परिवर्तन; कोन सभ्य ६? }
१७. निरिर्चत प्रयोगकी चेटा -.. ~ ` ,..१०७-१२०
[आम-कार्य की योजना, समग्र दृष्टि की आवश्यकता;
रासना की विशेषताएँ; धुनाई-कताई और रात्रिपाठशाला; -
यूत न खरीदने की नीति की निष्फलता; स्त्रियों का शिक्षण
ओर सुधार ] व
१८. रासना की शेप कथा... ডি ২০ १२०-११२
[ रासना चेन्द्र का श्रन्त ]
१३, सेवा का निश्चित कदम ... १२२-१२४९
[ स्वास्थ्य का दिवाला; गाँव में विश्राम का निश्चय;
বানা কষা चुनाव ]
२०. प्रास-प्रवेश का तरीका १२६-१३२
[ ब्याख्यानवाजों के सम्बन्ध में गाँववालों ये विचारः
हमारे रदन-स्दन की देख-रेख: हमारा तक; चर्ख चला;
गाव मे वहीं कते सूत की पहली साड़ी ]
२१. समप्र आमसेदा की भोर र १३२-१३७
[ रीवा की बस्ती, बहुत पिछड़ा गाव, दक्रियानूभी दिमाग
पर प्रेम श्रीर श्रद्धा से भरा हृदयः प्राममेवा का श्राधार-विन्दु,
निराशा हमारे गलत इश्कोण का परिणाम, दम कितने
दुबल हैं 1]
२३. सफाई की योजना ,१३८-१४२
२१५ আনি থক का छाम ইন
[ झालोचनाओों का श्न्त, चिकित्सा फे सम्बन्ध में दिचार
क्षेत्र-बिजार |
२३४० दस्य स्दावक्षरइत को चोर १४८.१३४
[मनाई का आरंभ; शुभ परिश्याम, एक विधया ब्राहग्गी
पा साहस ]
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