तत्व - नये पुराने | Tatav Naye Purane

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रमाशंकर - Ramashanker

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राम दुलार शुक्ल - Ram Dular Shukl

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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8 तत्व-नए पुराने इस बात से अत्यन्त आश्चर्य हुआ कि चारों ओर वायुमंडल में एक नवीन तत्व एक प्रतिशत जैसी बड़ी मात्रा में उपस्थित रहा और उन्हें इसका आभास भी न मिला। इन निष्क्रिय तत्वों की कहानी में एक अन्य बात का उल्लेख कर देना भी अनुचित न होगा। इनकी गवेषणा के लगभग 65 वर्ष बाद तक सब रसायनज्ञ यही जानते-मानते रहे कि ये सब गैसें किसी भी प्रकार की क्रिया नहीं करतीं। बहत प्रयत्नों के बाद रसायनज्ञ पावेल इनके एक विशेष प्रकार के यौगिक बनाने में सफल हो पाए थे जिसमें हाइड्रोक्यूनोन के क्रिस्टलों, দিঅউন্লা घेरों में इन गैसों के अणु बंदी बनाये जा सकते थे। लगभग 1961-62 में कैनेडा के ब्रिटिश कोलम्बिया विश्वविद्यालय में डाक्टर बार्टलेट ने प्रदर्शित किया कि जीनॉन तथा फ्लोरीन को साथ गरम करने से ठोस जीनॉन टेटाफ्लोराइड के क्रिस्टल बड़ी सुगमता से प्राप्त किए जा सकते हैं। निष्क्रिय गैसों के इस मनोरंजक इतिहास से स्पष्ट है कि विज्ञान के क्षेत्र में प्रानी से परानी धारणाएं नई गवेषणाभो के फलस्वरूप नित्य ही परिवर्तित होती रहती हैं। तत्वों की गवेषणा में प्रयुक्त प्रविधियाँ: पिछली दो शताब्दियों में गवेषित लगभग 80 तत्वों की गवेषणा के साथ सम्बन्धित तिथियाँ, नाम तथा व॒तान्त आसानी से दिए जा सकते हैं और संक्षेप में इस विवरण को इस अध्याय के अंत में देने का प्रयत्न किया गया है। तयौ की गवेषणा मे प्रयक्त प्रमल प्रविधियो छ विवरण देनं कं पहले एक अन्य बात का उल्लेख करना उचिल ही होगा। तत्वों की गवेषणा के इतिहास थे यह स्पष्ट हो जाता है कि कछ तत्वों की गवेषणा का श्रेय तो मुख्यतः केवल एक रसायनज्ञ को दिया जा सकता है, परन्तु अधिकतर तत्वों की गवेषणा टं दशकं तक अनेकानेक वैज्ञानिकों के सतत प्रयत्नों के




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