राजस्थानी वेलि साहित्य | Rajasthani Veli Sahitya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
251
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)छ राजस्थानी वेलि साहित्य
कठोपनिपद में दो अध्याय और छह वल्लियाँ है। तेत्तिरीय उपनिषद् के सातवे,
आठवे और नवमे प्रपाठक को क्रमश 'शिक्षावल्ली', 'ब्रह्मानद वलली”' और
भूगुवल्ली' कहा गया है! । आ्रागे चलकर वल्ली सज्ञक कई रचनाएं लिखी गई ।
उनमे से कुछ के नाम इस प्रकार है -
८) विकरेति वल्ली व्यालि वेदलक्षण
पद्रति कत्पवल्ली १० विट्ठल दीक्षित ज्योतिष
सयं सिद्ान्तसव्याख्य कल्पवल्ली ' 'व्याव्यल्लय ज्योतिष
चण्डी सपर्या क्रम कल्पवल्ली? श्री निवास देवी-तत्र
मथुफरेलि वत्ली१3 गोवर्धन भट्ट काव्य
सपर्या क्रम कल्पवल्ली १ * वीरभद्र जेन धमं
६
रचना-नाम रचनाकार रचना-विषय
(१) कठवल्ली उपनिषद्? - उपनिषद्
(
(3) श्रम्ूजवल्ली कल्याणम् * श्री निवास कवि नाटक
(४) श्रम्बुजवल्ली दण्डकम् * - स्तोत्र
(५) चातुर्मास्यव्रत कल्पवल्ली ° विरूपाक्ष व्रतकल्प
(६) द्रव्यगुण कल्पवल्ली ~ वेद्यक
(७) नानार्थ कल्पवल्ली बेकट भट्ट विशिष्टाद्व त
(5)
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) पडवल्ली उपनिपद्3 ~ उपनिषद्
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(१२)
(१३)
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