ग्रन्थानां नूतना सूची | Granthana Nutna Suchi

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : ग्रन्थानां नूतना सूची  - Granthana Nutna Suchi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about दलसुख मालवणीय - Dalsukh Malvneeya

Add Infomation AboutDalsukh Malvneeya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
उपदेशथी जेसलमेर, जाबाछ, देवगिरि, महिपुर (भाहोर), पाटण (गुजरात), मंडपदुगे, भाशापह्ौ भने खंमातमां शानभंडारोनी स्थापना थई हठी (जुओ पुरातर्बाचाय मुनि श्री जिनविजयबीसंपादित (विज्ञपिशिवेणी'नी प्रत्तावना, पृ० ५७-०८.) प्रस्तुत श्री जिनमद्रद्नरिज्ञानमंदारमां परौश्ष घरणाशाह भने श्रेष्ठी श्री उदयराज-बढ़िराजे म इलायौ होय तेवौ प्रतिभोने बिक्रमना बारमा शतकना पूवार्टथी छई पंदरमा शतकना उत्तरार्द् मुधीमां जुदा जुदा महानुभावोए लखाबेढ़ी छे. सौथी प्राचौनतम प्रति विशेषाबश्यकमहभाष्यनी हे, जे विक्रमना दसमा इतकना पर्वादमां उखायेष्ठी हे, जुभो कमांक ११६. प्राचीनता भने ढिपिनी दृष्टिए भा प्रति असाधारण महत््वती छे. था मंहारमां छा भने टूंका मापनी कुछ 9०३ ताडपत्रीय प्रतिभो छे, ष्यरि तेमां वेरा मैबरोमां भावता नाना मोटा प्रथो मीने कु प्रथसंक्य सामग ७५० भी पण उपर भाय है. জামা भहीं जणावेह विशेषावश्यकमहाभाष्य, सर्वसिद्धान्तप्रवेश, तत््वसंग्रह, सांयकारिकानी बे टोकाओं, मछवादौनु धर्मोत्तरटिपष्पन, पादहिप्तसूरिकृत योतिष्करण्डकनो टीका, भोभनिर्ुकतिमाध्य, * गुणपाक्षकृत जंबूचरियं अने चन्द्रकेखाविजयप्रकरण मादि छेक अक्षम्य-दुर्लम्प प्रेथो आ भंडारमां ड. आ सिवाय जैन भागमों, तेनी म्यास्याभ्रो, व्याकरण, काव्य, कोश, अलंकार, छेद अने द्शनशाशना प्राचौन-प्राचीनतम महत्त्वना ग्रंथों आामां छे, जे अम्यासी अन्वेषकों भा सूचीपत्रमांभौ नाणी शकश. भा उपरांत जेनुं अमुक दृष्टिए वेशिष्टच होय तेवी प्रतिओमांथी केटक्लीक उदाहरण पृषत मदी जणाबबामां भवे ठे- १. भगवतीसूत्रवृत्ति (क्रमांक १५) भा ग्रतिनां पत्रों अतीब सुकुमार छे. २. वि. सं. १२०७ मां अजमेरनों भंग थये ते समये शरुटित भयेष्टी पंचाशक प्रकरण बृत्तिनो प्रतिने, श्री स्थिरचन्द्रगणिए श्ुटित माग पुनः छखीने संपूर्ण करो हती. भा प्रतिनों ऋमांक ২৯৫ উ. জা उपरथी जाणी शकाय छे के वि. सं. १२०७ मां अजमेरनों भंग धयो हतो, अने ते बलते जैन झ्ञानभंडारने पण हानि पह़ोंची हतौ- ३. बि. सं. ११८० मां छल्ायेढौ पक्षिकसृत्र सवृत्तिकनी प्रति नजौकना समय्मां अ खबाई जवाने कारणे के फाटी जवाब कोई कछापेरे तेने काहजो पूवक सांघौने तैयार करेड़ी हे. विशिष्ट प्रकोरे संघायेडी प्रतिओमां आा प्रति कौमती दशनीय नमूनारूप छे. भानो क्रमांक १२९ हे. ---~~-----*-~ -~ নাযাদা छपायुं छे.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now