ना-कथाकोश पहला भाग | Na-Kathakosh Pehla Bhag
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39 MB
कुल पष्ठ :
1232
श्रेणी :
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No Information available about उदयलाल काशलीवाल - Udaylal Kashliwal
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भव्य-पुरुषरूपी कमलेके प्रफुछित करनेके
लिये सूर्य हैं ओर छोक तथा अछोकके
प्रकाशक हँ जिनके द्वारा संसारकी वस्तु-
मात्रका ज्ञान होता है, उन जिन भगवानको
नमस्कार कर में आराधना कथाकोश ना-
मक ग्रन्थ लिखता हूं ।
उस सरस्वती-जिनवानी-के छिये नमस्कार है, जो संसा-
रके पदार्थोका ज्ञान करानेके लिये नेत्र है और जिसके नाम-
हीसे प्राणी ज्ञानरूपी समुद्रके पार पहुँच सकता है-सर्वज्ञ
हो सकता हैं।
उन मुनिराजोंके चरणकमल्ॉको में नमस्कार करता हूं,
जो सम्यग्दशन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्ररूपी रत्नोंसे
' पवित्र है, उत्तम क्षमा, मार्दव, आजव, सत्य, शौच, बरह्मचयं
आदि गुणोंसे युक्त हैं और ज्ञानके समुद्र हैं।
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