पुराण सार संग्रह भाग 1 | Puran Sar Sangrh Part 1

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Puran Sar Sangrh Part 1 by आचार्य दामनंदि - Acharya Damnandi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रस्तावना ११ आराप्रतिके अशुद्ध होनेके कारण इसपरसे की गई प्रेसकापी भी बहुत अ्शुद्ध तैयार हुई है। हमें उसके संशोधनके लिए. और किसी प्रतिका सहारा नहीं मिल सका । श्रतः उसका संशोधन प्रसंगानुसार महापुराणके श्राधारसे करना पड़ा है । সামাহ-সলুহাল মিজান करनेके लिए. अन्य प्रतिकी सहायता न मिलनेपर भी यदि मुझे इस यन्थके संशोधन और अनुवाद करनेमें श्रीमान्‌ पं० फूलचन्द्रजी सिद्धान्तशासरत्री, बनारसकी सद्दायता न मिलती तो इसके प्रकाशनके दिन अभी दूर थे। में पण्डितजीका एतदर्थ बड़ा आमारी हूँ। श्री० पं० महादवजी चतुवेदीने भी इस मन्थके तैयार करनेमे यथाशक्य सहायता की है एतदथ मैं उनका भी अनुगहीत हूँ । नालन्दा पाली प्रतिष्ठान | नालन्दा २० अक्टूबर ५४ ---गुलाबचन्द्र चौधरी




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