पुराना और नया धर्म्म | Purana Aur Naya Dharmm (1949)ac 7859
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
83 MB
कुल पष्ठ :
1055
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१५ अध्यायं |
उत्पत्ति |
१३ तब एक जन जो भागकर बच राया उसने जाकर इमी । वचन उस के पास पहुँचा कि यह तेरा वारिस न होगा
१४
१५४
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अब्राम का समाचार दिया भअन्नाम तो एमोरी मस्ने जो
एशकाल और आने का भाई था उस के बांज बृत्तों के
बीच में रहता था और ये लोग अनाम के संग वान्वा
बांधे हुए थे । यह सुनके कि मेरा भतीजा बंधुआई में
गया श्रतराम ने अपने तीन सी अठ्ारह सीखे हुए दासों
को जो उस के घर में उत्पन्न हुए थे हथियार बन्धा के
दान सो ऊन का पीछा किया, और अपने दासों के अलग
अलग दल बान्धकर रात के उन पर लपकक़र उन केा
मार लिया और होबा लॉ जो दमिश्क की उत्तर ओर है
उन का पीछा किया | और बह सारे धन के और अपने
भतीजे लूत और उस के धन के और स्त्रियों को और
प्ब बंधुओं के फेर ले आया । बह कदेलॉओमेर
झौर उस के संगी राजाओं के जीतकर लौटा आता था
कि सदोम का राज शात्रे नाम तराई में जा राजा की
भी कहावती है उस के मंद करने के आया | तब
शालेम का राजा मेलकीसेदेक जो परमग्रधान ईश्वर का
ग्राजक था से रोटी श्रीर दाखमधु ले आया । श्रौर
उस ने अब्राम के यह आशीर्वाद दिया, कि परमप्रधान
ईश्वर की ओर से जो आकाश ओर प्रथिवी का शअ्रधि-
कारी है, तू धन्य है! । ओर धन्य है. परमप्रधान दैश्बर
जिस ने तेरे द्रोदियों के तेरे वश में कर दिया है। तत्र
अज्राम ने उस के सब का दशमांश दिया । तब सदाम
के राजा ने श्रत्राम से कहा प्राणियों के तो मुझे दे और
धन के अ्रपने पास रक््ख | अब्राम ने सदोम के राजा से
कहां परमप्रधान ईश्वर यहोवा जो आकाश और प्रथिवी
३ का अधिकारी है उस की मैं यह किरिया खाता हूं, कि
जो कुछ तेरा है उस में सेन तो मैं एक यूत भौर न
जती की बन्धनी न के और बस्तु लुंगा ऐसा न हो कि
तृ कहने पाए. कि अज्नाम मेरे ही द्वारा धनी हुआ | पर
जो कुछ इन जवानों ने खा लिया हे शौर आनेर एश्कोल
और मम्ने जा मेरे संग चले थे उन का भाग मैं फेर न दूंगा
बे तो अपना अपना भाग ते হত ||
(इब्राहीस के साथ यहोवा के व।चा बांधने का वणन)
१५८, इने आतो के पौरे होवा का यह वचन दर्शन
में अब्राम के पास पहुँचा कि हे अन्नाम
मत डर तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा फल में हूं।
अज्ाम ने कषा हे प्रभु यहोवा मैं तो निवेश हूं और मेरे
घर का वारिस यह दमिश्की एलीएजेर होगा से तू मुझे
क्या देगा | और अब्नराम ने कहा समुके तो तू ने बंश
नहीं दिया और क्या देखता हा मेरे घर में उत्पन्न
हुआ एक जन मेरा बारिस होगा । तब यहोवा का বহু
तेरा जे निज पुत्र होगा बही तेरा वारिंस होगा। और
उस ने उस के बाहर ले जाके कहा काशं की भोर
दृष्टि करके तारागण का गिन कया तू उस को भिन
सकता है फिर उस ने उस से कहां तेरा वंश ऐसा ही
होगा । उस ने यहोवा पर विश्वास किया और यहोवा
ने इस बात के उस के लेखे में धर्म गिना। और उस
ने उस से कहा मैं वही यहोवा हूं जो तुके कसूदियों के
ऊर नगर से बाहर ले आया कि तुझ के इस देश का
अधिकार दूं। उस ने कहा हे प्रभु यहोवा मैं कैसे जानू
कि मैं इस का अ्रधिकारी हूंगा। यहोवा ने उस से कहा
मेरे लिये तीन बरस की एक कलोर और तीन बरस की
एक बकरी और तीन बरस का एक मेंढा और एक
पिण्डुक और पिर्डुकी का एक बच्चा ले। इन सभों
के। लेकर उस ने बीच बीच से दो दो टुकड़े कर दिया और
टुकड़ा के श्राम्हने साम्हने रक्खा पर चिड़ियाओं के
उस ने दे। दो ठुकड़े न किया । और जय जब मांसाहारी
पक्ती लोथों पर झपटे तब तब श्रन्राम मे उन्हें उड़ा
दिया । जब सूय श्रस्त होने लगा तब श्रत्नाम के भारी
नींद आई और देखो अत्यन्त भय और महा अन्धकार
ने उसे छा लिया । तब यहोवा ने श्रत्राम से कहा यह
निश्चय जान कि तेरे बंश पराये देश मे परदेशी होकर
रहेंगे श्रौर उस देश के लोगों के दास हो जाएंगे और
वे उन के चार सौ बरस लों दुःखं देगे | फिर जिस
जाति के वे दास होंगे उस के। में दशड दूंगा और उस
के पीछे वे बढ़ा घन लेकर निकल आएंगे । तू तो अपने
पितरों मे कुशल के साथ मल जाएगा ভু पूरे बुढ़ापे
में मिद्दी दी जाएगी ।पर वे चौथी पीढ़ी में यहां फिर
आएंगे क्योंकि अब लॉ एमोरियों का अधरम्म पूरा नहीं
हुआ । जब सूथ्य अस्त हो गया और घोर अन्धकार
छा गया तब एक धूञ्रा उठती हुई अ्ंगेठी और एक
जलता हुआ पलीता देख पड़ा जा उन टुकड़ों के बीच
होकर निकल गया । उसी दिन यहोवा ने अन्नाम के साथ
यह वाचा बान्धी, कि मिश्र के महानद से लेकर परात
नाम ब नद लों जितना देश है उसे, श्र्थात् केनियों,
कनिजियों, कदूमोनियों, हित्तियों, परिजियों, रपाइयों,
एमेरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यव्ृशियों का देंशे
तेरे वंश के दिया दै'।। है
(इश्माए्ल की उत्पत्ति का बरन)
१ ६, अप्रृज्ञाम की ज्जी. सरि तो करई सन्तानन
ल् जनी और उस के द्वागार-नाम .एक
मिका लौंडी थी। से सारै दे अनाम হা सुन धद्दोवा
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