पाणेसणा | panesnaa

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panesnaa by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२७ : वायावाय-विवेग २५१-पंचिदियाण पाणाणं एस इत्थी अयं पमं । जाव णं न विजाणेजा ताव जाई त्ति आलवे॥ (७२१) २४२--तहेव मणुस्सं पसूुं पक्खिं वा वि सरीसिवं । थुले पमेइले वज्ज पाइमे त्तिय नो वएण॥ (७२२) २४३--परिवुडढे ति णं बूया बूया उवचिए त्तिय। संजाए पीणिए वा वि महाकाए त्ति आलवे ॥ (७1२३)




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