पाणेसणा | panesnaa

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : पाणेसणा  - panesnaa

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
२७ : वायावाय-विवेग २५१-पंचिदियाण पाणाणं एस इत्थी अयं पमं । जाव णं न विजाणेजा ताव जाई त्ति आलवे॥ (७२१) २४२--तहेव मणुस्सं पसूुं पक्खिं वा वि सरीसिवं । थुले पमेइले वज्ज पाइमे त्तिय नो वएण॥ (७२२) २४३--परिवुडढे ति णं बूया बूया उवचिए त्तिय। संजाए पीणिए वा वि महाकाए त्ति आलवे ॥ (७1२३)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now