आदर्श बालक | Aadrash Baalak
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
149
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बीर बादल ८
२
निन मे हाहा कोर मच गया राजपूतों ने নলনাহ লাল লাঁ।
मबन इरादा किया, क्रित का फाटक खोल दो और जूक मरो |
पदमनी ने सुना, और कहला या--सब कोई शान््त रहें में राणा की
मुक्ति का उपाय करूँ गी, लोग आश्चय -चकित हो, महाराणा की
मुक्ति की प्रतीक्षा करन छगे |
“बादल क्या तुम अपन काकाजी को छुड़ान का साहस कर
सकते हो ?”
हा काकी जी. मैं अभी अपन प्राण दे सकता हैँ ।”
“परन्तु बेटे शत्रु छली और बली है हमें भी छलबल म काम
लना होगा ?”
छत्तबल से केस काकी जी |”
২৩৫
“मैं सलतान से कहलाये देती हूँ कि मैं स्वयं उसके पास
आने को राजी हूँ आप राणा को छोड़ दें ”
“छी, छी, काकी क्या आप उस मलन्छ सुलतान के पास
जाबेंगी ?”
“नहीं बेटे ! मरी जगह, मेरी डोली में तुम जाओगे ?
“क्या में ?०
“हाँ तुम तुम मेरी जगह, यद्यपि तुम अभी १२ बष के
बालक हो पर ज्ञत्रिय-पुत्र को जूक मरने के लिये यह उम्र काफ्री है ।
तुम यह काम कर सकोगे ?”
“मुझे क्या करना द्वोगा १“
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