मालवा में युगान्तर | Malva Main Yougantar
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
484
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. रघुवीर सिंह - Dr Raghuveer Singh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय पृष्ठ
७. जयसिंह की दूसरी सूबेदारी (नवम्बर १७२६९-सितम्बर १६,
१७३० ई०) „ . ক . १९६
दु. मालवा के अन्य प्रान्तीय मामले (१७१६१७२० द°) .. २०३
६. मालवा पर मरहठों के आक्रमणों का प्रधान कारण ५ २११
परिशिष्ट क--मण्डलोई दफ़्तर के पत्र -: -`२२३-२२६
' ॥
परिशिष्ट खझ--गिरधर बहादुर तथा दया बहादुर की परा-
जय एवं रत्यु की तारीखे की समस्या - - २२७-२३२६
अध्याय ५--मालवा के लिए मुगल-मरहठा इन्द--
उसका अन्त (१७३०-१७४१ ई०) - -२३७-३२४
१. मालवा का साम्राज्य से सम्बन्ध-विच्छेद 1 9 ॥ २३७
२. मालवा में मुहम्मद वंगश-उसकी विफलता (सितम्बर १६,
१७३० ई०--आक्टोबर १२, १७३२ ई० ) + 9. २४१
३. सवाई जयसिंह को आखिरी सूवेदारी (सितम्बर २८, १७३२
र ०-अगस्त ३, १७२७ ई० ) ५ ६ ४ २५५३
४. मालवा के लिए अन्तिम दन्द तथा उसकी विफलता; मारवा
का साम्राज्य से सम्बन्ध-विच्छेद (अगस्त ३, १७३७ ई०-जुलाई
४, १७४१ ई० ) हि ৫ . 1 २५८५
५. आवध्निक मालवा का विकास ( १७३०-१७४१ ६० ) क २०७
अध्याय ६--मालवा में मरहठों की स्थापना तथा
उनकी सत्ता का एकीकरण--पू्वेक्नाल का
अन्त (१,७४१-१७६५ ई०) . - - ३२५४-३६ १
१. इस काल की प्रधान प्रवृत्तियां कह ९.८ ५. ३२५
User Reviews
No Reviews | Add Yours...