शारीरिक कल्याण | Shareerik Kalyan

Shareerik Kalyan by योगी रामचारक - Yogi Ramacharak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हठयोग । . पहला अध्याय । हठयोग क्यार? खुशेत्ग विज्ञान कई शाखाओं में विभक्त है। उसके विख्यात ओर प्रधान सागये हैँ:--( १ ) हृठयोग; ( २) राजयोग; ( ३ ) कमयोग और (४) ज्ञानयोग । यह्‌ पुस्तक परे ही भाग का वणेन करता है! षस समय हम ` दूसरे भागो के वणैन करने का यत्न न करेगे; ययपि योग के ` इन समस्त वड़े भागों. पर अवश्य छक अन्य मन्थो मे कहना ही पड़ेगा । हठयोग योगशास््र की वह शाखा है जो कि पार्थिव शरीर--- उसकी रक्षा--उसकी भराई--एछसके स्वास्थ्य झौर उन कुछ बातों का जो शरीर को उसकी प्राकृतिक और असली दशा में रखते हैं, वणेन करता है। यह जीवन को स्वाभाविक रीति से जीने का मार्ग बतराता है और पुकार २ फहता है, जिस -पुकार को बहुत से पाश्चात्य छोग भी छे उठे हैं .कि “प्रकृति के मागेपर वापस आघधो”; अन्तर फ्रेवछ इतना ही है कि योगी को “वापस” नदीं आता है; क्योकि षह तो सर्वदा




User Reviews

  • Hansraj yadav ahir gurgaon

    at 2021-01-17 08:53:00
    Rated : 5 out of 10 stars.
    outstanding knowledge
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