सुन्दर साहित्य - माला | Sundar Sahitya - mala

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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অন प्रेमरूप ध्रुव रसाधार जो परानन्द सौन्दर्य-निधान जिसके द्रशन से भिर जाते हैं दशन के सब अरमान जिसमें विश्व, विश्व में जो हे ज्रल-तरङ्ग-खम नित्य-लनाम लहे विश्न-द शनः त्रजबल्लभः उसके चरणां मै বিগাল एवमस्तु हरे |




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