श्री हरिहर भक्ति रसामृत गीता | Shree Harihar Bhakti Rasamrat Geeta
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
207
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ॐ
॥ श्री गणेशायनम ॥
॥ श्री लक्ष्मीनारायणाम्या नम |
श्री विश्वेश्वरी विश्वेश्वर चरण कमलेभ्यो नम
हरिहर भक्ति रसामृत गीत
मगला चरण
श्री गणनायक गणपति विध्नेश्वर हे ईश।
मन वाछित करना प्रभो आज नमत हू शीश ॥
श्री विष्नेश्वर सुत उमा भजु मन बारम्वार।
शादि पूज्य यद्देव है सववे प्रिय करतार ॥
च द्रभाल गिरिजातनयको सुमिरू म भ्राज ।
विघ्न दुर करना प्रभो र्वना मेरौ लाज ॥
दर् तविलम्बित छद
गणपति गिरिजा सुत আসান
करत हु तव कोमल षादहि।
विनय स्नेह सप्रेम प्रणाम,
तव कृपा नित मगल काम्हि।
मधुर प्रेमभरी विश्वेश की,
गुण कथा जगदम्बा साथमे ।
नित नई भवतु हिय चित्त म॑,
“हरि” की प्राथना यही एक है ।
श्री शारद माता विनय दास “हरि!” की भ्राज ।
मदमतिको द्र क्र ईश प्रेम के काज 1
श्री शारद जगदम्विके वाणी की शिर मौलि।
सुमति तीव्र मोहि दीजिए सुदर पद की वोलि ॥
श्री शारद मातेश्वरी करहु हृपा शब्रब झआत |
शक्ति प्रभु गए गान की दो सेवक माहि जान ॥
ই ক্সম্না विश्वेश्वरी तुम जग की प्रतिपाल 1
धी वाणी निमल मुके देकर करो निहाल ॥
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