गांधी मार्ग , सितम्बर-अक्टूबर 2013 | GANDHI MARG, SEP - OCT 2013

GANDHI MARG, SEP - OCT 2013 by अनुपम मिश्र -ANUPAM MISHRAपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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14 गांधी-मार्ग इन दिशाननिर्देशों पर अमल तुरंत शुरू हो गया और सन्‌ 1950 आते-आते एक पूरा ढांचा खड़ा कर लिया गया था। यह सब इतनी फुर्ती से किया गया कि सन्‌ 1964 तक अफ्रीका, दक्षिण-अमेरिका और एशिया के सन्‌ 1930-1940 के दौर में ब्रिटेन और उसकी नीतियों से यूरोप के भी बहुत से लोग चिढ़ते थे। इसका सामना करने के लिए ही सन्‌ 1955 में ब्रिटिश काउंसिल की स्थापना की गई थी। सन्‌ 1941 में काउंसिल ने सिफारिश की थी कि दूसरा महायुद्ध खत्म होने के बाद दुनिया भर में अंग्रेजी पढ़ाने-लिखाने के लिए (ब्रिटिश) सिविल सेवा, फौज, न्यायाधीशों अथवा चर्च जैसी पेशेवर जमात खड़ी की जानी चाहिए। अनेक देशों में अंग्रेजी और अंग्रेजी तौर-तरीके सिखाने के व्यवसाय में लगे लोगों की संख्या हजारों में पहुंच चुकी थी। इन विस्तार नीतियों और उनकी उपलब्धियों की साल-दर-साल समीक्षा होती रही और कार्यपद्धति में जरूरी माने गए सुधार भी तुरत-फुरत किए जाते रहे। इसी समीक्षा की कड़ी में एक ताजा रिपोर्ट अब डेविड ग्रेडॉल ने लिखी है। इसका नाम हैः “इंग्लिश नेक्स्ट, इंडिया! । 2010 की इस महान रिपोर्ट को ब्रिटिश काउंसिल के इंटरनेट पेज पर कोई भी देख सकता है। ग्रेडॉंल ने भारतीय समाज, भारतीय अर्थतंत्र, भाषाई और शैक्षिक समस्याओं पर काफी खोजबीन के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया है। उन्होंने न केवल हमारी सरकार के अनेक अध्ययनों का उल्लेख किया है, देश के कुछ प्रमुख उद्योगपतियों, व्यापारियों से भी बातचीत की है। इन सबसे हुई बातचीत के बाद ग्रेडॉल की रिपोर्ट में यह बात उभर के सामने आती है कि हमारे देश के ज्यादातर लोग अंग्रेजी भाषा में प्रवीणता को अपनी तमाम समस्याओं से मुक्ति की एक मात्र कुंजी मानते हैं। ऊपर-ऊपर से देखें तो यह रिपोर्ट देश में अपर्याप्त अंग्रेजी शिक्षा-व्यवस्था की झलक देती है, पर गहरे में जाएं तो असल मकसद साफ हो जाता है। भारतीय भू-भाग में अंग्रेजी और अंग्रेजीयत के वर्तमान फैलाव के लिए डेविड ग्रेडॉंल या उनके पहले मैकॉले को दोषी नहीं माना जा सकता। यूरोप महाद्वीप के जिस उत्तर-पश्चिमी टापू को हम ब्रिटेन नाम से जानते हैं, वह ऐतिहासिक तौर पर विभिन्‍न कबीलों का एक मिला-जुला घर रहा है। इनमें इंग्लिश, स्काट, वेल्स और पिछले सौ-दो सौ सालों के दौरान कभी पूर्ण तो




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