नील माधव | NEEL MADHAV

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मुख्य द्वार की ओर अतिथियों के बीच में नील माधव भी था। मगर जैसे ही वह महल के अन्दर जाने लगा, द्वारपाल ने उसे रोक दिया। उसने कारण पूछा तो द्वारपाल ने कहा “राजा का आदेश है, कोई भी ऐरा-गैरा भीतर न पहुंच जाये। ' नील माधव को तुरन्त समझ में आ गया कि उसके साधारण वस्त्र ही उसे ऐरा-गैरा बता रहे हैं। वह तुरन्त वहां से लोट गया और अपने घर आकर उसने कीमती वस्त्र पहन लिए। इस तरह सजधज कर वह फिर उसी द्वार पर आ गया। इस बार द्वारपाल ने उसे नहीं रोका। थोडी देर बाद भोजन परोसा गया। तरह-तरह के पकवान खाने के लिए रखे गये। आमंत्रित लोगों ने खाना शुरू किया, मगर नील माधव ने पकवान खाने के बजाए, उन्हें अपने बस्त्रों की जेब में भरना शुरू किया। राजा ने यह देखा, तो उसे आश्चर्य हुआ।




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