प्यारा कुनबा | JOLLY FAMILY

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निकोलाई नोसोव - NIKOLAI NOSOV

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बिलकुल साफ था| उनको देखकर सहज ही जान पड़ता था कि वे ताजे हैं | मौसी ने उनको हमारी टोकरी में रख दिया और एक ऊनी दुशाले से उनको ढँक दिया, ताकि रास्ते में वे ठण्डे न हो जाएँ। “अच्छा, जाओ। खुश रहो। अपने काम में सफल हो, नताशा मौसी ने दरवाजे तक आकर हमें विदा करते हुए कहा। अब बाहर अँधेरा फैलने लगा था। हम दोनों जल्दी-जल्दी स्टेशन की ओर बढ़े | घर पहुँचने में हमें बहुत देरी हो गई और माँ ने मुझे खूब झिड़कियाँ दीं । मीश्का को भी उसकी माँ ने खूब झाड़ा | लेकिन. हमें इससे जरा भी दुख न हुआ | दुख हुआ इस बात का कि रात में बहुत देर होने के कारण अण्डों को सेने का काम हमें दूसरे दिन के लिए रखना पड़ा। शुरूआत दूसरे दिन स्कूल से आते ही हमने इनक्युबेटर में अण्डे रख दिए | उनके लिए वहाँ काफी जगह थी। इतना ही नहीं, कुछ जगह खाली भी रह गई। हमने डनक्युबेटर पर ढक्‍कन लगाया, तापमापी को ठीक जगह पर रख दिया और लैम्प का बटन दबाने ही वाले थे कि मीश्का बोला, “ठहरो, पहले ज़रा यह देख लें कि सब ठीक हुआ है या नहीं | शायद. इनक्युबेटर को गर्म करने के बाद अण्डों को अन्दर रखना होगा। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता, मैंने कहा | “देखें, पुस्तक में क्या लिखा है | मीश्का ने पुस्तक उठाई और पढ़ने लगा। देर तक पढ़ने के बाद वह बोला, देखा, हम उनका दम घोंटने जा रहे थे। “किनका?” “अण्डों का। पता चला कि वे जानदार हैं। “जानवार हैं? मैंने आश्चर्य से पूछा। “हाँ, हाँ। देखो पुस्तक में क्या लिखा है। '...अण्डों में यद्यपि जीवन प्रत्यक्ष नहीं दिखाई देता, तो भी वे सजीव होते हैं । जीवन अभी अदृश्य होता है। लेकिन अण्डे को गर्मी मिलने से उसमें चेतना आ जाती है। धीरे-धीरे भ्रूण बच्चे का आकार लेने लगता है और अन्त में छोटा-सा बच्चा निकल आत्ता है। सभी प्राणियों की तरह अण्डे भी साँस लेते हैं... ' समझे! अण्डे साँस लेते हैं - बिलकुल हमारी-तुम्हारी तरह | “बकवास!” मैंने कहा। हम तो मुँह से साँस लेते हैं| भला, अण्डे किससे साँस लेते हैं?” “धत्‌, हम मुँह से नहीं, फेफड़ों से साँस लेते हैं| हवा नाक-मुँह से होकर फेफड़ों में ही जाती है। अण्डों में खोल से होकर हवा जात्ती है और इस त्तरह वे साँस लेते हैं।” “ठीक है, वे साँस लेना चाहते हैं, तो लें” मैंने कहा। “हम थोड़े ही उन्हें मना करते हैं। “लेकिन बन्द पेटी में वे कैसे साँस ले सकते हैं? सुनो, साँस लेते समय हम कार्बन डायऑक्साइड छोड़ते /कय (2 | प्यांग कुनबा 0 15 >/ 1. अन्‍य




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