जमुन जल तुम | JAMUN-JAL-TUM

JAMUN-JAL-TUM by अशोक त्रिपाठी -ASHOK TRIPATHIकेदारनाथ अग्रवाल -KEDARNATH AGRAWALपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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अशोक त्रिपाठी -ASHOK TRIPATHI

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केदारनाथ अग्रवाल -KEDARNATH AGRAWAL

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रवाह आकर्षित करता और मैं, न समझते हुए भी उनसे प्रभावित होता रहा। जब कुछ हिन्दी का ज्ञान बढ़ा, तो मैंने उन ग्रन्थों को छुप-छुपकर पढ़ना शुरू किया और परिणाम यह हुआ कि मैं काव्य में प्रतिम्बिवित नारी के सौन्दर्य का रसज्ञ हो गया। उसी का परिणाम है कि मार्क्सवादी जीवन-दर्शन से प्रभावित होने के पहले मैं उसी प्रकार के सौन्दर्य की स्वयं भी कविताएँ लिखने लगा। इस संग्रह में अधिकांश कविताएँ उसी प्रवाह की मिलेंगी। भाषा भी अलंकृत हुई है। छंद भी उस सौन्दर्य से आवेष्टित हुये हैं। अलावा इसके, एक कारण और भी था--मेरे इस प्रकार के सौन्दर्य से अभिभूत होने का। मुझे खाते-पीते परिवार में जन्म मिला। पेट भरने के लिए संसार में संघर्ष नहीं करना पड़ा और वकील होने तक इससे निश्चित रहा। यदि जीवन- यापन की समस्या लड़कपन में ही पैदा हो गयी होती, तो संभव है मैं इस पारंपरिक काव्य-संसार से मोहाविष्ट होने पर भी उसे कुछ दिन के बाद छोड़ देता। अब इस उमर (73) वर्ष में मेरी इन कविताओं का यह संकलन प्रकाशित हो रहा है। में अब बहुत दिनों से ऐसी कविताओं से अलग हो गया हूँ फिर भी मेरे काव्य-विकास के क्रम के आधारभूत तत्वों का सबके सामने प्रस्तुत किया जाना निहायत जरूरी है, ताकि काव्य-मर्मज्ञ यह देखें और परखें कि मैं बाद का प्रगतिशील कवि कैसे वैज्ञानिक जीवन-दर्शन अपनाकर संघर्षशील हुआ और अपने को उस परम्परा से अलगकर, प्राकृतिक परिवेश से अपने काव्य का श्रोत खोज सका और अपने युग के सत्य को पकड़ सका तथा आदमियों के जीवन में यथार्थ की परिणतियों से विचलित हुआ और फिर अपने देशवासियों को, प्रगतिशील विचारों की--सत्य की पकड़ की, सार्थक और सजीव कविताएँ दे सका। आदमी होते हुए भी आदमी आदमी नहीं रह गया है। यह बात मुझे मथती रही है और मैं उसे भीतर-बाहर से इस मंथन से उबारने के लिए बराबर सोच पैदा करता रहा। इसी सोच का परिणाम मेरे बाद की दूसरे संकलनों की कविताएँ हैं। मूलतः मैं पत्नी प्रेमी रहा हूँ और मेरी प्रेम की कविताएँ उन्हीं के प्रेम और सौन्दर्य की कविताएँ हैं। कही-कहीं, कभी-कभी कुछ कविताएँ ऐसी झलक दे जाती हैं, जैसे कि मैं उनके अलावा भी दूसरी जमुन जल तुम /15




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