सूर्य कैसे चमकता है ? | HOW DID WE KNOW ABOUT SUNSHINE?

HOW DID WE KNOW ABOUT SUNSHINE by आइज़क एसिमोव -ISAAC ASIMOVएस० के० जैन -S. K. JAINपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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आइज़क एसिमोव -Isaac Asimov

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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किर्छोफ़ के समय तक, यह सर्वविदित था कि सभी पदार्थ विभिन्‍न प्रकार के लघु परमाणुओं से बने हैं. प्रत्येक भिन्‍न प्रकार का परमाणु एक तत्व को प्रदर्शित करता है, तथा तब दर्जनों तत्व ज्ञात थे (आज 106 से भी अधिक तत्व ज्ञात हैं). किर्छोफ़ ने तत्वों को गर्म करने पर प्राप्त प्रकाश का अध्ययन किया. उसने देखा कि प्रत्येक तत्व ने प्रकाश की केवल कुछ निश्चित तरंग दूरी/तरंग दैध््य दी. कभी भी 2 तत्वों ने समान तरंग दूरी/तरंग दैध्य नहीं दी. स्पेक्ट्रमदर्शी /स्पेक्ट्रोस्कोप के उपयोग से पदार्थ द्वारा प्राप्त दूरी/तरंग दैध्य तरंग से यह जात हो सकता है कि पदार्थ किन तत्वों से बना है. प्राप्त तरंग दूरी/तरंग दैध््य तत्वों को पहचानने में ऊँगलियों के निशान के समान है. शीत पदार्थ उन्ही तरंग दूरी/तरंग दैध्य को अवशोषित करता है, जो कि उस पदार्थ को गर्म करने से उत्पन्न होती हैं. ये गहरी रेखायें तत्वों को पहचानने में ऊँगलियों के निशानों की तरह भी कार्य /काम करती हैं. इसका अर्थ हुआ, कि यदि सूर्य के प्रकाश के स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया जाये, तो गहरी रेखाओं की स्थिति हमे बता सकती है, कि सूर्य की दीम्िमान/चमकने वाली सतह पर विद्यमान गैसों में किस प्रकार के परमाणु हैं. सर्वप्रथम, इसको सफलतापूर्वक एंडर्स जोंस ऐंग्स्ट्रॉम (॥॥10९/५ 101९5 ८ /४1825107 1814-1876) नाम के एक स्वीडिश वैज्ञानिक ने 1862 में किया. वह दर्शा सका कि सूर्य के स्पेक्ट्रम की गहरी रेखाओं में से कुछ वे थी, जो सामान्य गैस हाइड्रोजन की होती हैं. ऐंग्स्ट्रॉम के समय से ही सूर्य में विद्यमान अधिक से अधिक तत्वों की खोज होती रही. फिर भी, हाइड्रोजन सबसे अधिक सामान्य है. यह सूर्य में विद्यमान सम्पूर्ण पदार्थ का लगभग तीन-चौथाई है. अतः, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि यह प्रथम तत्व है, जो वहां खोजा गया. सूर्य का लगभग शेष भाग अन्य गैस हीलियम का बना है. सूर्य के सम्पूर्ण पदार्थ का, केवल 2 प्रतिशत अन्य तत्वों से बना है. विद्यमान तत्वों में, हाइड्रोजज लघुतम एवं सरलतम परमाणु है, तथा हीलियम द्वितीय त्रघुतम एवं सरलतम परमाणु है. ये 2 सरल प्रकार के परमाणु, केवल सूर्य का 98 प्रतिशत भाग ही निर्मित नहीं करते, अपितु, अब विश्वास किया जाता है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का 98 प्रतिशत से भी अधिक भाग इन्ही परमाणुओं से बना है.




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