ऋतुओं का स्कूल | RITUYON KA SCHOOL

RITUYON KA SCHOOL  by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविभिन्न लेखक - Various Authors

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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्म्श्| |/ ि पट्टा क ८५:7:०७- रू, / ९५ “| आई जब से गर्म दुपहरी होने लगी छाँव की चोरी सिर पर हाथ धरे बैठे हैं किसको रपट लिखाएँ दिन गर्मी के आए । घाम ने खींचे कपड़े सारे ताल-तलैया हुए उघारे दिन-दिन भर सुस्ताएँ दिन गर्मी के आए। कह व | फ द _+- हीं. री सन यो मा । * 1 है 8 उल्टी गिनती गिनें पहाड़ कब आओगे यार अषाढ़ वर्षा की पहली फुहार को दिन गर्मी के आए।




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