दांत दर्द के बारे में सही जानकारी | DANT DARD KE BAARE MEIN SAHI JANKARI

DANT DARD KE BAARE MEIN SAHI JANKARI by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविभिन्न लेखक - Various Authors

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(2) स्थायो दांत - छ: से बारह साल कौ उम्र तक बीस स्थायी दांत बीस दध के दांतों को हटाकर उनकी जगह ले लेते हू । इनके अलावा सोलह साल तक आठ और दांत भी आते हैं । आखिरी सोलह से बाईस साल के बीच चार अकल दांत आते हें, यानि एक पूर्ण उम्र के व्यक्ति को बत्तीस दांत होनी चाहिए - सोलह ऊपर, सोलह नीचे । दांत का गठन दांत के मुख्यतः दो भाग होते हैं - बाहर दिखने वाला भाग क्राउन एवं दूसरा भाग जड़ कहलाता है। दांत कौ जड़ पेड़ की जड़ ज॑सी होती है, वह दांत को जबड़ा में जकड़कर रखती है । दांत की जड़ ऊपरी भाग से बड़ी होतो हैं और मसूड़ के भीतर धंसी होती है। जबड़ की हड्डी के सुराख में कई मांश पेशियां दांत कौ जड़ों को पकड़ रहती हें इसलिए सख्त कठोर भोजन चबाने पर भी दांत अपनी जगह से नहीं हिलते । ऋऊन व ॒ जड़ कें. बीच की जगह की दांत की गरदन कहा जाता है । (1) इनामेल (89) क्राऊत (2) #दती (0) जड़ (3) मज्जा ग्ह दांत का बाहर दिखने वाला भाग (क्राऊन) पर इनामेल के पत॑ होती हैं । इतामल शरीर का सबसे कठोर भाग है । इनामेल के नीच की पत॑ दंती (19०711116) कहलातो है। दंती हड्डी की तरह होता है इसके बाद बीच को जगह मज्जा गहा कहलाती है, जिसमें रक्त नलिका! व नसें होती हें ।




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