भूकंप | EARTHQUAKES
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
20
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भू-हास (ग्राउंड फेल्योर) : यह शब्द भूमि में कपन के कारण होने वाले भू-स्खलन, द्रवों
के पार्श्वीय बहाव एवं अन्य किसी प्रकार के प्रभाव को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है |
भू-गति : पृथ्वी के अंदर, एवं उसकी सतह के समानांतर चलने वाली भूकपीय तरगों के
कारण पृथ्वी की सतह पर होने वाली गति।
प्लेटों का पारस्परिक युग्मन या फंसाव : इसका आशय यह होता है कि दो प्लेटे
एक-दूसरे से फंस गई हैं, और उनमें तनाव सृजित हो गया है।
सम-भूकंपीय (आइसोसिस्मल) : मानचित्र पर किसी भूकंप विशेष के समान तीव्रता
वाले क्षेत्र को सीमाबद्ध करने वाली रेखा या परिरेखा |
स्थल-मंडल (लिथोस्फीयर) : पृथ्वी की संरचना का सबसे ऊपरी स्तर, विवर्तनिकी
गति में भाग लेने वाली प्लेटों का निर्माण पृथ्वी के इसी स्तर से होता है।
अवरुद्ध भ्रंश (लाक्ड फाल्ट) : ऐसा भ्रंश जो इस कारण नहीं सरकता, क्योंकि उस पर
लगने वाला घर्षणीय प्रतिरोध भ्रंश के संपूर्ण क्षेत्र में सृजित होने वाले अपरुपक
प्रतिबल से अधिक होता है। अपेक्षा की जाती है कि अवरुद्ध भ्रंश में प्रतिबल लंबे
समय तक संग्रहीत होता रहेगा, और अंततः: वह घर्षणीय प्रतिरोध से अधिक शक्ति
अर्जित कर भूकंप को जन्म देगा |
लव तरंगें : इस प्रकार की भूकपीय तरंगें अपने फैलाव की लंबवत या अनुप्रस्थ दिशा में
... क्षेजित गति करती है।
मुख्य आघात : भूकप-समूह का सबसे बड़ा भूकप , मुख्य आघात से पहले भी एक, या
कई भूकंप आते हैं। लेकिन उसके बाद अनेक भूकपों का आना निश्चित होता है।
पृथ्वी का आवरण : पृथ्वी की सतह, और उसके मर्म के बीच का भाग, पृथ्वी का 82
प्रतिशत आयतन इसी क्षेत्र में है।
आवरण क्षेत्र : यह पृथ्वी की सतह से मोहोरोविसिक अंतराल, और उसके मर्म से
गटेनबर्ग अंतराल के माध्यम से अलग होता है। समझा जाता है कि यह क्षेत्र
सिलिकेट के ओलिवाइन जैसे खनिजों से मिलकर बना होता है।
पी तरंगें : ये प्राथमिक एवं सर्वाधिक तीव्र गति से चलने वाली भूकंपीय तरंगे होती हैं। इन
तरंगों में अपनी गति के समानांतर संकुचन एवं फैलाव की प्रक्रिया चलती रहती है।
पैलियोसिस्मिक : पृथ्वी के तल के नीचे स्थित चट्टानों के निरीक्षण के माध्यम से
निर्धारित किया जाने वाला भूकपीय घटनाओं का इतिहास | इसके माध्यम से यह भी
. ज्ञात किया जाता है कि अतीत में भूकंप आने के कारण चट्टानें कैसे विस्थापित
हुईं?
प्लेट-विवर्तनिकी : इससिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी की सतह अनेक प्लेटों और बड़ी-बड़ी
चट॒टानी पटिटयों से निर्मित है। इन प्लेटों की धीमी, परंतु निरंतर गति के आधार
पर महाद्वीपों के सरकाव एवं पर्वतों के निर्माण आदि जैसी परिघटनाओं की व्याख्या
की जा सकती है। क्
रेले तरंग : यह पृथ्वी के मुक्त धरातल पर प्रतिगामी दिशा में गति करने वाली दीर्घ॑वृत्तीय
'तरंगें हैं। इन्हें आर. तरंग के नाम से भी जाना जाता है।
स्ट्राइक-स्लिप भ्रृंश : ऐसे भ्रंशों में दो शिलाखंड एक-दूसरे पर सरक आते हैं।
फटाव-सीमा (रण्चर फ्रंट) : भूकप के दौरान भ्रंश के सरकने वाले और अंवरुद्ध भागों
के बीच की तात्कालिक सीमा |
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