टी० बी० के बारे में सही जानकारी | TB KE BARE MEIN SAHI JANKARI - HEALTH SERIES

Book Image : टी० बी० के बारे में सही जानकारी  - TB KE BARE MEIN SAHI JANKARI - HEALTH SERIES

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

विभिन्न लेखक - Various Authors

No Information available about विभिन्न लेखक - Various Authors

Add Infomation AboutVarious Authors

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पाल्मोनारी टिऊबारकुलोसिस का मरीज (यानि जिस मरीज के फेफड़े में टी. बी. को रोग है) जब खांसता है तो उसके बलगम के साथ कीटाणु बाहर आते है। अन्दाजा है कि बलगम के बुंद में लगभग 50 छाख कीटाणु रह सकते है । बात करने पर या छोंकने पर कीटाणु रोगी से स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच सकता है। . टी. बी. गरीबी और कुपोषण की बीमारी है। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में टी. बी. कीटाणु घुसने पर भी उसको रोग नहीं होता । अगर उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (रोग कीटाणु . से लड़ने की ताकत) सही हो, तो वह रोग से बच जाता है । लेकिन गरीबी के कारण जिसको खाने पीने की कमी है, वह कीटाणु से लड़ नहीं पाता और टी.बी. रोगं ग्रस्त हो जाता है। इसके अलावा समाज के गरीब वर्गो के लोग ऐसे घरों में रहने को मजबूर हैं, जिनमें हवा तथा सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता। एक ही घर में रोगी और स्वस्थ लोग रहते हैं। शिक्षा की कमी के कारण वे लोग जरुरी सावधानी भी अपना नहीं सकते । इसलिये इनमें रोग का फैलाव आसान हो जाता है। टी. बी. के आम लक्षण :- .. « लगातार वजन कम होना और कमजोरी बढ़ते जाना।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now