देश देश की कवितायेँ | DESH DESH KI KAVITAYAN

DESH DESH KI KAVITAYAN by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaकेदारनाथ अग्रवाल -KEDARNATH AGRAWAL

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

केदारनाथ अग्रवाल -KEDARNATH AGRAWAL

No Information available about केदारनाथ अग्रवाल -KEDARNATH AGRAWAL

Add Infomation AboutKEDARNATH AGRAWAL

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पाब्लो नेरूदा स्पैनिश कवि पाब्लो नेरूदा का पूरा नाम था-नेफ्ताली रिकार्डो रेईस बसाल्टो (३७४॥ +1100700 1०५७७ 8950910) | ' नेरूदा' तखल्लुस इन्होंने चेक लेखक और कवि जान नेरूदा (3६॥ ४७७०४ ; 1834-1891) से लिया था। इनका जन्म 12 जुलाई, 1904 को पैरल (08॥113४॥। ), चिली में हुआ था। इनके पिता जोसडेल कारमेन रेईस मोराल्स (105606| 01761 16५०७ |४०/७॥७७) रेल कर्मचारी थे और माँ रोजा बसाल्टो (3058 8559010) स्कूल टीचर थीं, जो पाब्लो नेरूदा को जन्म देने के दो महीने बाद ही परलोक सिधार गयीं। पाब्लो नेरूदा के लेखन में बहुत बैविध्य है। प्रेम और क्रांति उनकी कविताओं में एक ही तीव्रता के साथ व्यंजित होती हैं। नेरूदा कवि और गद्यकार होने के साथ-साथ कूटनीतिक और राजनैतिक हस्ती भी थे। वे चिली की कम्युनिस्ट पार्टी के सेनेटर थे। उनका पहला प्रकाशित साहित्य एक निबंध था, जो उन्होंने 13 साल की उम्र में लिखा था। अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने निर्वासित जीवन भी जिया। उनके साहित्यिक अवदान को देखते हुए उन्हें 1971 का साहित्य का नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया। उनकी गणना बीसवीं शताब्दी के संसार की किसी भी भाषा के, सबसे महान्‌ कवियों में होती है। 69 वर्ष की अवस्था में, उनका देहावसान दिल का दौरा पड़ने से, 23 सितम्बर, 1973 को चिली के सैण्टियागो शहर के सान्‍्ता मारिया क्लीनिक में हुआ। उनकी प्रमुख काव्य कृतियाँ हैं-010/00500॥810 (8001९ ०0 वज्ञा॥8115), ५७॥16 ?00७7435 06 वात ५ पराव एथवा०ं०ा 065606/908 (1५४/871५ [0५6 06975 2710 3 2065/0021606 50106), 55.वा54 ७1 61 60वट01 (5921 1 ४५ 1697), एथ्वा10 8 &७191761/300 (1942), ४४७४० (६४1० 06 धा॥०/ 8 519171061/400 (1943), 0४४० (७56७॥16/४| आदि। उनको अंतिम कविता थी |ांक्ा (५07193086, 15 116 110५1 01116 (४1०७. पाब्लो नेरूदा पर लिखी केदारजी की एक कविता भी यहाँ दी जा रही है। पाब्लो नेरूदा / 15




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now